सिविल डिफेंस मॉक ड्रिल कल 7 मई को, नागरिकों को आपात स्थिति में बचाव के तरीके सिखाने का प्रयास, जानें क्या होता है मॉक ड्रिल,आधिकारिक तौर पर छग में सिर्फ दुर्ग में होना है

*कलेक्टर-एसपी ने की मॉक ड्रिल तैयारी की समीक्षा*

बिलासपुर, 06 मई 2025/बिलासपुर सहित संपूर्ण देश में कल यानी 7 मई को सिविल डिफेंस मॉक ड्रिल आयोजित की जायेगी। इसका उद्देश्य नागरिकों को आपात स्थिति में बचाव और प्रतिक्रिया के तरीकों के बारे में जागरूक करना है। कलेक्टर संजय अग्रवाल एवं एसएसपी रजनेश सिंह ने आज मंथन सभाकक्ष में बैठक लेकर मॉक ड्रिल की तैयारी की समीक्षा की।

कलेक्टर ने कहा कि मॉक ड्रिल से किसी को दहशत में आने की कतई जरूरत नहीं हैं। आपदा की स्थिति में लोग कैसे व्यवहार करें और क्या उपाय करें कि कम से कम क्षति पहुंचे। इसके लिए लोगों को तरीका बताकर जागरूक करने का प्रयास किया जायेगा। बैठक में जिले में स्थित महत्वपूर्ण संस्थान जैसे एनटीपीसी, एसईसीएल, एयरपोर्ट, रेलवे सहित अधिकारी एवं सुरक्षा से जुड़े संस्थान जैसे एनसीसी, एनएसएस, होम गार्डस, रेडक्रास सोसायटी आदि उपस्थित थे।
मॉक ड्रिल के दौरान हवाई हमले की चेतावनी देने वाले सायरन बजाए जाएंगे। नागरिकों को सुरक्षित स्थानों पर ले जाने का अभ्यास किया जायेगा। इसके अलावा ब्लेक आउट की स्थिति में बिजली प्रबंधन का अभ्यास भी किया जायेगा। कलेक्टर ने कहा कि आपात स्थिति से निपटने के लिए लोग हमेशा तैयार रहें। अपने आस-पड़ोस के लोगों को भी इसके बारे में बताएं कि किस तरह की आपदा में किस तरीके से बचाय किया जाये। मॉक ड्रिल के पहले लोगों को बता दिया जाए कि यह केवल रिहर्सल है। वास्तविक घटना से इसका कोई लेना देना नहीं है ताकि वे किसी तरह के पैनिक स्थिति में न आएं।
एसएसपी ने कहा कि केन्द्रीय गृह मंत्रालय के निर्देश पर मॉक ड्रिल का आयोजन किया जा रहा है। उन्होंने कहा कि अलग-अलग संस्थाओं के मॉक ड्रिल का तौर-तरीका अलग होगा। उन्होंने स्वयं सेवकों, एनसीसी, एनएसएस, पूर्व सैनिकों की लिस्टिंग किये जाने पर जोर दिया। मॉक ड्रिल क्यों और कैसे किया जाये, इसके बारे में लोगों को बताया जाये। उन्होंने इस संबंध में सोशल मीडिया अथवा अन्य किसी भी स्रोत से प्रसारित अफवाहों पर ध्यान नहीं दिये जाने की अपील की। उन्होंने कहा कि इसे सभी लोग सामान्य तैयारी के रूप में लें। जब हम पहले से तैयार रहें तो क्षति कम होगी। कलेक्टर ने केन्द्र सरकार की बड़ी संस्थानों को विशेष रूप से सतर्क रहने एवं सुरक्षा एसओपी का नियमित रूप से पालन करते रहने के निर्देश दिए। उन्होंने कहा कि मॉक ड्रिल के लिए 7 मई को कोई समय विशेष निर्धारित नहीं है। लोग अपनी सुविधा अनुसार इस दिन इसका आयोजन कर सकते हैं। बैठक में नगर निगम आयुक्त अमित कुमार, जिला पंचायत सीईओ संदीप अग्रवाल,जिला कमाण्डेन्ट दीपांकुर नाथ, रेडक्रास सोसायटी के समन्वयक सौरभ सक्सेना भी उपस्थित थे।

देश में कल  7 मई को क्या सचमुच में छा जाएगा अंधेरा और बजेंगे जंग वाले सायरन? तनाव के बीच ये सब क्यों? वास्तविकता आप भी जानिए!

जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में हुए आतंकी हमले को लेकर भारत और पाकिस्तान के बीच तनाव गहराता जा रहा है। इसे लेकर दिल्ली में हाईलेवल मीटिंग चल रही है। पाकिस्तान से टेंशन के बीच केंद्रीय गृह मंत्रालय ने कई राज्यों को 7 मई को सिविल डिफेंस के लिए मॉक ड्रिल आयोजित करने के निर्देश दिए हैं। सरकारी सूत्रों की मानें तो इस अभ्यास का उद्देश्य नागरिकों को आपात स्थिति में सुरक्षा उपायों के लिए प्रशिक्षित करना है। पिछली बार ऐसी मॉक ड्रिल  सन 1971 में आयोजित की गई थी। 1971 में भारत और पाकिस्‍तान के बीच दो मोर्चों पर युद्ध हुआ था। इस युद्ध के 54 सालों बाद अब देश में मॉक ड्रिल होने जा रही है।

5 पॉइंट में जानें गृह मंत्रालय ने क्या निर्देश दिए?
केंद्र सरकार के सूत्रों के अनुसार, केंद्रीय गृह मंत्रालय (MHA) ने कई राज्यों को निर्देश दिए हैं कि सिविल डिफेंस के लिए 7 मई को मॉक ड्रिल करवाएं। मॉक ड्रिल में छात्रों और नागरिकों को ट्रेनिंग दी जाएगी। आपात स्थित, आग, हवाई हमले और फायरिंग की स्थिति में कैसे बचाव किया जाए? इस बात की ट्रेनिंग और मॉक ड्रिल करने के निर्देश दिए गए हैं।

केंद्र सरकार  दिए  निर्देश का उद्देश्य

पाकिस्तान से तनाव के बीच सरकार की ओर से राष्ट्रीय सुरक्षा और नागरिक तैयारियों को मजबूत करने की दिशा में यह कदम उठाया जा रहा है। साथ ही एयर रेड वार्निंग सायरनों के भी निर्देश दिए हैं। इमरजेंसी में ब्लैकआउट की व्यवस्था सुनिश्चित करना है। इसी क्रम में देश के कई राज्यों में 7 मई  को मॉक ड्रिल करने के निर्देश दिए गए हैं।

 मॉक ड्रिल के तहत क्या क्या किए जाएंगे उपाय-एयर रेड वार्निंग सायरनों का संचालन
सामान्य नागरिकों, छात्रों आदि को सिविल डिफेंस से जुड़ी जानकारी व प्रशिक्षण देना, ताकि किसी दुश्मन हमले की स्थिति में वे खुद को सुरक्षित रख सकें
आपातकालीन ब्लैकआउट की व्यवस्था सुनिश्चित करना
महत्वपूर्ण संयंत्रों/स्थापनाओं के शीघ्र कैमोफ्लाज की तैयारी करना
निकासी योजना का अद्यतन और उसका अभ्यास (रिहर्सल) करना

पाकिस्तान की ओर से लगातार गोलीबारी
यह ड्रिल ऐसे समय में आयोजित की जा रही है, जब पाकिस्तान पिछले 11 दिनों से नियंत्रण रेखा (LoC) पर बिना उकसावे के गोलीबारी कर रहा है। भारतीय सेना ने इसका कड़ा जवाब दिया है। यह तनाव 22 अप्रैल को पहलगाम में हुए आतंकी हमले के बाद और बढ़ गया, जिसमें 26 लोग मारे गए थे, जिनमें एक नेपाली नागरिक भी शामिल था। यह हमला 2019 के पुलवामा हमले के बाद कश्मीर घाटी में सबसे घातक आतंकी घटना है।

निर्मल माणिक/ प्रधान संपादक ,मोबाइल:- 9827167176

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