ये हैं यशस्वी भाजपा जिलाध्यक्ष बीजापुर घासी राम नाग ने इन्हें सुनिए सरकारी काम की जानकारी विभागीय अधिकारी पहले इन्हें बताए इसके बाद ये तय करेंगे कि करना क्या है*और किसको काम देना है।
*भाजपा जिलाध्यक्ष कह रहे है डीईओ कार्यो की जानकारी पहले घासीराम को देते वो तय करते कि कार्य किसे देना है । सवाल यह है कि कौंन से सँविधान में लिखा है कि सत्तापक्ष के जिलाध्यक्ष तय करेंगे कि निर्माण से सम्बंधित कार्य किसे दे वो तय करेंगे। वैसे लगता है भाजपा के जिलाध्यक्ष अपने आपको सरकार समझ बैठे है जबकि भाजपा जिला अध्यक्ष की हैसियत सिर्फ इतनी ही है कि वह सत्ताधारी दल का अध्यक्ष मात्र है उसे सरकारी कार्यो में हस्तक्षेप करने का और किसे काम देना है और किसे नहीं देना है यह तय करने का अधिकार कदापि नहीं है और तो और उसकी पार्टी की सरकार भी यह अधिकार उसे नहीं दे सकती । हां यदि आपको लगता है कि कार्य नियम विरुद्ध की जा रही है आप सत्ता में हो उसकी शिकायत करो जांच की मांग कर दोषियों पर कार्रवाई की बात करो ऐसा न कर आप खुद को सुप्रीमो बताने की गलतफहमी पाल रखे हो*
*आप भाजपा जिला अध्यक्ष हो संगठन की जिम्मेदारी आपकी है आप ये मत समझो कि प्रशासनिक व्यवस्था की जिम्मेदारी आपकी है और फिर डीईओ आपको क्यों जानकारी देगा आप हो कौंन ? विधायक मंत्री या सांसद इसमे से आप कौंन से पद पर हो ?आपको डीईओ क्यों दे जानकारी? आप क्योंकाम बाटेंगे? सरकारी काम विधिवत और नियम से की जाती है आपको लगता है काम विधि सम्मत नही हुआ है तो इसकी शिकायत आप पार्टी संगठन और सरकार से कीजिए न कि सुप्रीमो बनने की गलत फहमी पाल लें।
सत्ताधारी पार्टी बीजेपी के जिलाध्यक्ष का कहना है शिक्षा विभाग में होने वाले शासकीय भवनों के निर्माण कार्यो को मेरे इजाजत के बगैर डीईओ नें कैसे आवंटन कर दिया, मैं अध्यक्ष हूं, पार्टी कार्यकर्ताओं नें चुनाव में जीत दिलाया हैं, मेरे अनुसार काम बाँटा जाना था।
प्रदेश में इसबार विधानसभा चुनाव का परिणाम बेहद चौकाने वाला रहा क्यों की 67 सीटों में काबिज़ कॉग्रेस की सरकार धरासाईं हो गईं औऱ बीजेपी पुनः सरकार बनाने में कामयाब रहीं, लेकिन सबसे अत्यधिक अचंभित तब हुआ जब नगरीय निकाय, नगर निगम, नगर पालिका एवं पंचायत चुनाव के नतीजे सामने आया जिसमें सभी निगम, पालिका औऱ पंचायत में जीत का झंडा गाड़ा।
इस चुनाव के बाद प्रदेश आलाकमान नें अपने पार्टी के अंदर बड़ी सर्जरी करते हुए उन पार्टी कार्यकर्ताओं को आगे बढ़ने का मौका दिया जो त्रिस्तरीय चुनाव में जीत के लिए जमीन स्तर पर जाम के मेहनत की ।ऐसे लोगों को पार्टी ने जिला अध्यक्ष तक बना दिया । जिसमें बीजापुर जिला अध्यक्ष घासीराम नाग भी शामिल हैं। मगर जिला अध्यक्ष बनने के कुछ ही महीनों बाद घासीराम नाग के सिर सत्ता का नशा इस प्रकार चढ़ा है कि जो बाकायदा अपने पद और पावर के नशे में चूर हैं। इन्हें पार्टी में जीत दिलाने के एवज में सरकारी काम को बांटने का ठेका इन्हें दिया जाना चाहिए था ताकि यह अपने चहेतों को काम दे सके। उनका कहना हैं जिले में जो भी शासकीय भवन का निर्माण होगा उसकी सूची पहले मुझे देना होगा क्योंकि मैं जिलाध्यक्ष हूं। पत्रकारों के समक्ष दिए उनके बयान का वीडियो प्रदेश में खूब वायरल हो रहा हैं जिसके बाद राजनीतिक गलियारों में चर्चाओं का बाजार गर्म हैं।
वीडियो में जिला अध्यक्ष घासीराम नाग यह कहते हुए देखे जा रहे हैं बीजापुर जिले में जिला शिक्षा अधिकारी धनेलिया नें उन्हें जानकारी दिए बगैर ही सरकारी भवनों के निर्माण का ठेका कैसे दे दिया, जबकी भवनों के निर्माण कार्य को मेरे द्वारा बाँटा जाना चाहिए था सालों बाद बीजापुर जिले में पंचायत चुनाव में जीत हासिल किये हैं हमारे पार्टी कार्यकर्ताओं नें जो मेहनत की हैं उन्हें क़ोई काम नहीं दिया गया हैं श्री नाग को यह समझना होगा कि वह पार्टी के जिला अध्यक्ष हैं जिला पंचायत के नहीं। भारतीय जनता पार्टी नए चेहरों को ने तजुर्बा का आकलन करते हुए मौका देती है किंतु घासीराम नाग जैसे लोग की ओछी हरकत पार्टी की छवि को धूमिल करने में कोई कसर नहीं छोड़ते, एकओर मुख्यमंत्री विष्णु देव साय आम नागरिकों की समस्याओं को सुनने के लिए सुशासन त्यौहार का आगाज किया हुआ है चौपाल लगाकर आम नागरिकों की समस्याएं सुनी जा रही है इस सुशासन त्यौहार में जिला अध्यक्ष का इस तरह का बयान समझ से परे हैं देखना यह है कि अब पार्टी आलाकमान जिला अध्यक्ष घासीराम नाग की इस हरकत पर क्या एक्शन लेती है?
निर्मल माणिक/ प्रधान संपादक ,मोबाइल:- 9827167176
Thu May 8 , 2025
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