
बिलासपुर। प्रदेश में हाल ही में कांकेर सहित कुछ ग्रामीण क्षेत्रों में उत्पन्न तनाव, विभिन्न समुदायों के बीच गलतफहमियों में वृद्धि, हिंसात्मक घटनाओं और प्रशासन एवं सरकार की अकर्मण्यता तथा उदासीनता को लेकर सर्व समाज, छत्तीसगढ़ सहित प्रदेश के समस्त सामाजिक, जनजातीय तथा व्यावसायिक संगठनों में व्यापक रोष व्याप्त है। इन परिस्थितियों को गंभीरता से देखते हुए सर्व समाज, छत्तीसगढ़ ने प्रदेश-स्तरीय छत्तीसगढ़ बंद का आह्वान दिनांक 24 दिसंबर, बुधवार को किया है। इस बंद का उद्देश्य किसी धर्म, समुदाय या व्यक्ति के प्रति विरोध नहीं, बल्कि प्रदेश की शांति-व्यवस्था, सामुदायिक सुरक्षा, सामाजिक सद्भाव एवं हाल की घटनाओं की निष्पक्ष जाँच करवाने की माँग को मजबूती से सरकार और प्रशासन के समक्ष प्रस्तुत करना है।
इसी संदर्भ में बंद की तैयारी, समन्वय एवं रणनीति निर्धारित करने हेतु समाज प्रमुखों तथा सभी व्यावसायिक संगठनों की एक महत्वपूर्ण बैठक सरस्वती शिशु मंदिर में प्रातः 9 बजे, मंगलवार 23/12/2026 को आयोजित की गई है। इस बैठक में सर्व समाज ने सभी समाज प्रमुखों, सभी व्यावसायिक संगठनों के प्रतिनिधियों तथा विभिन्न सामाजिक संगठनों के प्रमुख पदाधिकारियों से सम्मिलित होने और सक्रिय योगदान देने का आग्रह किया है। सर्व समाज ने स्पष्ट रूप से इस विषय को प्रमुखता एवं गंभीरता से लिए जाने की अपील की है।
इसके अतिरिक्त, बंद के संबंध में राज्य-स्तरीय सामूहिक रुख और आगामी परिस्थिति पर मीडिया तथा आम जनता को विस्तृत जानकारी देने के उद्देश्य से इसी दिन दोपहर 1 बजे एक प्रेस कॉन्फ्रेंस भी नियोजित की गई है। प्रेस कॉन्फ्रेंस में प्रदेश व्यापी बंद के आधार, कारण, उद्देश्य और आगे की संभावित आंदोलनात्मक रूपरेखा को साझा किया जाएगा। समाज प्रमुखों ने विश्वास व्यक्त किया है कि यह प्रेस वार्ता बंद की सफलता और सार्वजनिक जागरूकता में महत्वपूर्ण भूमिका निभाएगी।
सर्व समाज ने अपनी माँगों को स्पष्ट करते हुए कहा है कि—
पहला, राज्य सरकार द्वारा हाल की घटनाओं की निष्पक्ष एवं त्वरित जाँच कराई जाए, जिसमें तथ्य छिपाए न जाएं और दोषियों के विरुद्ध कानूनी कार्रवाई सुनिश्चित की जाए।
दूसरा, सभी प्रभावित परिवारों एवं व्यक्तियों को सुरक्षा और आवश्यक सहायता तत्काल उपलब्ध कराई जाए, ताकि भय और अनिश्चितता का वातावरण दूर हो सके।
तीसरा, किसी भी समुदाय—चाहे जनजातीय हो या धार्मिक—के खिलाफ फैल रही अफवाहों, नफ़रत, वैमनस्य और हिंसा को रोकने के लिए राज्य प्रशासन दृढ़ एवं ठोस कदम उठाए।
चौथा, ग्रामीण इलाकों में कानून-व्यवस्था की स्थिति को सुदृढ़ करते हुए सामान्य नागरिकों का जीवन भयमुक्त बनाया जाए।
पाँचवाँ, समाज में जानबूझकर तनाव पैदा करने वाली गतिविधियों और तत्वों पर प्रभावी एवं कानूनी कार्रवाई सुनिश्चित की जाए।
सर्व समाज ने स्पष्ट किया है कि प्रदेश-स्तरीय छत्तीसगढ़ बंद केवल इस उद्देश्य से किया जा रहा है कि समाज, प्रशासन और सरकार तक आम नागरिकों की आवाज़ एक लोकतांत्रिक और शांतिपूर्ण तरीके से पहुँचे। संगठन प्रमुखों ने कहा है कि छत्तीसगढ़ का बंद किसी समुदाय विशेष या विचारधारा के विरोध में नहीं है, बल्कि यह प्रदेश की सामाजिक एकता, सांस्कृतिक सौहार्द और प्रदेश में न्याय एवं सुरक्षा की मांग का प्रतीक है।
प्रदेश-भर के सर्व समाज में व्याप्त रोष लगातार बढ़ रहा है, और लोगों का मानना है कि यदि प्रशासन और सरकार ने समय रहते प्रभावी एवं निष्पक्ष कार्रवाई नहीं की, तो स्थिति और अधिक गंभीर हो सकती है तथा आगे बड़े पैमाने पर उग्र आंदोलन भी सामने आ सकता है। समाज के भीतर यह भावना तेजी से उभर रही है कि अब उदासीनता के विरुद्ध एक मजबूत एकजुटता और निर्णायक कदम आवश्यक है, जिस कारण 24 दिसंबर के बंद को लेकर प्रदेश भर में व्यापक समर्थन मिल रहा है।
सर्व समाज, छत्तीसगढ़ ने बंद के दौरान शांति, अनुशासन, संयम और पारस्परिक सम्मान बनाए रखने की अपील करते हुए कहा है कि आंदोलन लोकतांत्रिक दायरे में रहकर पूरी गंभीरता एवं जिम्मेदारी के साथ संचालित किया जाएगा। बंद के माध्यम से यह संदेश स्पष्ट रूप से दिया जाएगा कि किसी भी प्रकार की हिंसा स्वीकार्य नहीं है, किसी भी समुदाय के संवैधानिक अधिकारों का हनन बर्दाश्त नहीं किया जाएगा, और प्रदेश में शांति, न्याय व सुरक्षा बहाल करना ही सर्वोच्च प्राथमिकता है।


