रायगढ़ जिले के खरसिया ब्लाक के एक किसान कृष्ण कुमार गवेल ने जहर खाकर आत्महत्या करने की कोशिश की। किसान को सिविल अस्पताल में भर्ती कराया गया, जहाँ डॉ. मिथलेश साहू ने उपचार किया।
डॉक्टर साहू ने बताया कि प्रारंभिक उपचार और जहर निकालने के बाद पेशेंट का बीपी लो हो रहा था इस वजह से उसे मेडिकल कालेज रायगढ़ रेफर किया गया उनके बताये अनुसार उन्होंने मेडिकल कालेज के डॉक्टरों से बात की थी जिसमें पता चला है कि किसान की हालत स्थिर है और खतरे से बाहर बताई जा रही है डॉक्टरों के अनुसार नली निकाल दी गई है और उसने खाना भी खाया है। वहीं किसान की पत्नी सावित्री गवेल के अनुसार, धान टोकन नहीं मिलने से किसान मानसिक रूप से परेशान थे, इसी तनाव के चलते उन्होंने यह कदम उठाया। 27 तारीख की उक्त घटना के बाद किसान कृष्ण कुमार गवेल और उनकी माता नोनी बाई गवेल के नाम पर आनन फानन में टोकन तुरेकेला सोसायटी द्वारा काटा गया है। घटना की जानकारी मिलते ही एसडीएम प्रवीण तिवारी और तहसीलदार मौके पर पहुँचे और तत्काल इलाज के निर्देश दिए।
विधायक उमेश पटेल पहुंचे अस्पताल किसान को हर संभव मदद का दिया भरोसा
मामले की जानकारी मिलने पर पूर्व मंत्री खरसिया विधायक उमेश पटेल भी अस्पताल पहुँचे उन्होंने किसान से बातचीत कर उसे ऐसा कदम दोबारा न उठाने की समझाइश दी और समस्या के समाधान का भरोसा दिलाया। विधायक उमेश पटेल ने कहा कि मेरे विधानसभा क्षेत्र खरसिया के ग्राम बकेली के किसान श्री कृष्ण कुमार गबेल जी ने धान का टोकन नही मिलने की वजह से आत्महत्या का प्रयास किया है। सांय सांय सरकार में किसान त्राहि त्राहि कर रहे हैं। धान खरीदी में पसरी अव्यवस्था से किसान इतने परेशान हैं कि वे आत्महत्या करने से भी नहीं हिचक रहे हैं। धान खरीदी का प्रबंधन पूरी तरह टूट चुका है और इसकी सीधी मार किसानों पर पड़ रही है। धान खरीदी की अव्यवस्था अब किसानों की जान पर बन आई है। विधायक ने एसडीएम से फोन पर चर्चा कर प्रकरण का नियमों के तहत परीक्षण करने के निर्देश दिए।
जमीन के आपसी विवाद का है मामला किसान को टोकन के लिए नहीं किया गया है परेशान – रवींद्र गवेल
वहीं जिला पंचायत अध्यक्ष प्रतिनिधि रवींद्र प्रकाश गवेल ने प्रेस कांफ्रेंस के माध्यम से बताया कि किसान परिवार में ज़मीन को लेकर आपसी विवाद चल रहा था। जिसकी वजह से किसान ने जहर सेवन किया हो सकता है। उनके बताए अनुसार जो जमीन किसान की बहन जानकी बाई के नाम दर्ज है, उसका टोकन कृष्ण कुमार गवेल द्वारा सोसायटी से मांगा जा रहा था। प्रक्रिया अनुसार किसान को उपस्थित होना आवश्यक है या उसके आधार लिंक होने पर ओटीपी आवश्यक होता है। जिस कारण टोकन प्रक्रिया से जुड़ी कुछ व्यवहारिक परेशानियाँ सामने आई थीं। किसान कृष्ण कुमार गवेल और उनकी माताजी के नाम के रकबे का टोकन जारी कर दिया गया था। खरसिया विधायक उमेश पटेल सस्ती लोकप्रियता हासिल करने के लिए किसान जैसे संवेदनशील मामले को सस्ती लोकप्रियता हासिल करने मामले को तूल दिया जा रहा है। कुल मिलाकर मामला यह है कि अगर किसान ने टोकन नहीं मिलने की वजह से और मानसिक रूप से परेशान होकर अगर जहर खाया है तो यह शासन प्रशासन और सरकार की बहुत बड़ी चूक है जिसकी वजह से किसान को इतना बड़ा कदम उठाने के लिए मजबूर होना पड़ा है। इस संबंध में अधिकारिक पुष्टि नहीं हुई है और यह जांच का विषय है कि किसान ने आखिर जहर सेवन कर अपनी इहलीला समाप्त करने की कोशिश क्यों की। फिलहाल प्रशासन पूरे मामले की जांच कर रहा है, और जांच पूरी होने के बाद ही वास्तविक स्थिति स्पष्ट हो पाएगी। यहां बताना लाजमी होगा कि आदिम जाति सेवा सहकारी समिति तुरेकेला के प्रबंधक तिहारू जायसवाल द्वारा पूर्व में करोड़ों रुपये का भ्रष्टाचार किया गया था जिसकी वजह से उसे जेल भेज दिया गया था और अभी वह जमानत पर बाहर है परंतु इसके बावजूद उसके सगे बेटे डमरू जायसवाल को आदिम जाति सेवा सहकारी समिति तुरेकेला का प्रबंधक बना दिया गया है और सारी देखरेख और प्रबंधन अभी भी तिहारू जायसवाल द्वारा किया जा रहा है।


