
” अकाउंट होल्डर” के विरूद्ध बिलासपुर रेंज साइबर थाना में दर्ज किया गया है मामला
बिलासपुर। आईजी डॉ. संजीव शुक्ला के निर्देशन एवं एसएसपी रजनेश सिंह के मार्गदर्शन में “म्यूल अकाउंट” के विरूद्ध प्रभावी कार्रवाई करते हुए पुलिस ने 5 आरोपियों को गिरफ्तार किया है। यह कार्रवाई रेंज सायबर थाना बिलासपुर एवं ए.सी.सी.यू. बिलासपुर की संयुक्त टीम द्वारा की गई।
रेंज सायबर थाना बिलासपुर पुलिस द्वारा अलग-अलग टीम बनाकर संदिग्धो को तकनीकी साक्ष्य के आधार पर चिन्हांकित कर रेड कर की गई। पुलिस ने जिन आरोपियों को गिरफ्तार किया उनके नाम . अकिल खान पिता रसिद खान उम्र 25 वर्ष निवासी तालापारा,. नरेश कुमार केवंट पिता छन्नूलाल केंवट उम्र 22 वर्ष निवासी वार्ड क्र. 01 सेंदरी थाना कोनी ,. व्यासनारायण पिता गयाराम गोंड़ उम्र 40 वर्ष निवासी खैरा वार्ड क. 17 जयरामनगर थाना मस्तुरी , रामेश्वर मरकाम पिता जुडावन मरकाम उम्र 27 वर्ष निवासी वार्ड नं. 04 किसानपारा जयरामनगर थाना मस्तुरी और अजय कुमार ध्रुव पिता शिव कुमार ध्रुव उम्र 30 वर्ष निवासी बापू उपनगर वार्ड क. 53 तोरवा है।
आईजी और एस एस पी द्वारा “म्यूल अकाउंट” के विरूद्ध साइबर क्राईम पोर्टल में रिपोर्टेड म्यूल बैंक अकाउंट की जांच करने हेतु योजना तैयार कर रेंज साइबर थाना बिलासपुर को निर्देशित किया गया था। प्रारम्भिक जांच पर नेशनल साइबर क्राईम पोर्टल में संदिग्ध्य पाये गय बैंक खातो को चिन्हांकित किया गया है “म्यूल बैंक” अकाउंट की जांच की गई। जांच कार्यवाही में पीड़ितों की पहचान कर उनसे घटना के संबंध में जानकारी एकत्र किया गया। साइबर क्राईम पोर्टल की रिपोर्ट, बैंक खाता में हुए ट्रांजेक्शन, एक ही व्यक्ति के अधिक बैंक अकाउंट एवं अन्य तकनीकी साक्ष्य के आधार पर बैंक अकाउंट खुलवाने तथा अकाउंट का डिजिटल अरेस्ट, शेयर ट्रेडिंग फर्जी ऐप, क्रिप्टो करेंसी में इन्वेस्ट, गूगल रिव्यू टास्क, टेलीग्राम टास्क, बैंक केवाईसी अपडेट एवं गूगल सर्च जैसे साइबर अपराध में उपयोग करने वाले लोगों को चिन्हांकित किया गया। रेंज सायबर थाना बिलासपुर एवं एसीसीयू बिलासपुर का संयुक्त टीम बनाकर तकनीकी जानकारी के आधार संभावित ठिकानों में दबिश देक 05 आरोपियों गिरफ्तार कर न्यायिक अभिरक्षा में भेजा गया।
उपरोक्त कार्यवाही में राजेन्द्र जायसवाल अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक शहर बिलासपुर, अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक ग्रामीण अनुज कुमार, उप पुलिस अधीक्षक निमितेश सिंह सी.एस.पी. सिविल लाईन के मार्गदर्शन में निरीक्षक विजय चौधरी प्रभारी रेंज सायबर थाना बिलासपुर, उप निरीक्षक अजय वारे, प्रधान आरक्षक सैय्यद साजिद, विक्कू सिंह ठाकुर, लक्ष्मीकांत जायसवाल, टीकाराम प्रधान, आरक्षक दीपक कौशिक, चिरंजीव, प्रशांत साहू का विशेष योगदान रहा।
बिलासपुर पुलिस की अपील :-
मनी म्यूल” बनना एक गंभीर अपराध है, अगर आप अपने खाते को सर्विस चार्ज के बदले बेचते हो, उपयोग करने देते हो, आप इसे जानबूझकर करें या अनजाने में, कभी कभी साइबर ठगी के मामले में ठग आपको लाभ पहुंचाने के लिए ठगी की रकम किसी अन्य खाते से छल पूर्वक आपके खाते में ट्रांसफर कर देते है, आपको लगता है की आपने किसी स्कीम के तहत इनाम या निवेश में मुनाफा या अन्य वजह से आपके खाते में पैसा आया है लेकिन रकम विवादित हो सकता है जिससे आपका खाता फ्रीज भी हो सकता है।
“मनी म्यूल” में किसी व्यक्ति के बैंक अकाउंट, डिजिटल वॉलेट या अन्य वित्तीय माध्यमों का उपयोग साइबर अपराधी ठगी की रकम या अवैध धन को को एक जगह से दूसरी जगह ट्रांसफर करने में करते हैं।
संचालन का तरीका :-
* साइबर अपराधी गैरकानूनी तरीकों से पैसे प्राप्त करते हैं।
* ठगी से अर्जित रकम को ठिकाने लगाने के लिए बैंक खाते या वॉलेट की जरूरत पड़ती है, इसके लिए सायबर अपराधी किसी व्यक्ति को पैसा, नौकरी, इनाम या निवेश का लालच देकर अपने जाल में फंसाते हैं और उनके खातों का उपयोग करते है।
* मनी म्यूल अवैध धन को अपने खाते से किसी और खाते में भेजता है, जिससे अपराधियों की पहचान छिपी रहे।
कानूनी कार्यवाही व सावधानियां :-
* यदि आपके बैंक खातें में ठगी की रकम जमा हुई है या हो रही है तो आप पर मनी लॉन्ड्रिग के आरोप लग सकते हैं।
* बैंक खाते और संपत्तियों को जप्त किया जा सकता है।
* जेल या जुर्माना लगाया जा सकता है, भले ही वह व्यक्ति अनजाने में शामिल हुआ हो।
* धारा 3(5) बी.एन.एस. के तहत मनी म्युल भी उस अपराध के लिए उतना ही जिम्मेदार होगा
जितना की मुख्य अपराधी।
* अनजान स्रोतों से धन प्राप्त करने से बचें।
* अपने बैंक खाते और वित्तीय जानकारी किसी के साथ साझा नहीं करें।
* यदि बैंक खाते में कोई संदिग्ध गतिविधि दिखे, तो तुरंत संबंधित बैंक या पुलिस को सूचित करें।
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