शासन ने जारी किया “सड़क दुर्घटना प्रकरणों का नगदी उपचार स्कीम 2025” के संबंध आवश्यक दिशा निर्देश
दुर्घटना के समय से लेकर सात दिवस तक चिन्हांकित अस्पतालों में मिलेगी इलाज की सुविधा
बिलासपुर। पुलिस मुख्यालय द्वारा भारत सरकार के राजपत्र दिनांक 05 मई 2025 से प्रवृत्त एवं “सड़क दुर्घटना प्रकरणों का नगदी उपचार स्कीम 2025” की प्रभावशीलता के आलोक में मोटर यान के प्रयोग से सड़क दुर्घटनाओं के पीड़ितों को ऐसी दुर्घटना की तारीख से अधिकतम 7 दिन की अवधि के लिए किसी भी नाम निर्दिष्ट अस्पताल में प्रति पीड़ित 1,50,000 रुपये तक की रकम की नगदी रहित उपचार की पात्रता प्रावधान की गई है।
सड़क दुर्घटना में घायल की आर्थिक सहायता संबंधी शासन की इस योजना का व्यापक प्रचार प्रसार यातायात पुलिस बिलासपुर के द्वारा आम जनमानस के सहयोग से लगातार किया जा रहा है.
इस संबंध में विदित हो कि केंद्र सरकार मोटर यान अधिनियम 1988 की धारा 165 द्वारा प्रदत्त शक्तियों का प्रयोग करते हुए सड़क दुर्घटना पीड़ितों का नकदी1आअआ रहित उपचार स्कीम 2025 को 5 मई 2025 से आमजन हेतु प्रवृत्त की गई है इस संबंध में मार्गदर्शी सिद्धांत के अनुसार मोटर वाहन के प्रयोग से हुई सड़क दुर्घटनाओं के पीड़ितों को समुचित और समय पर उपचार प्रदान करने और उन अस्पतालों को समय पर भुगतान सुनिश्चित करने के लिए स्कीम के क्रियान्वयन की मार्गदर्शन करने के लिए केंद्रीय सरकार द्वारा समय-समय पर जारी किए गए ऐसी मार्गदर्शी सिद्धांत जब पीड़ित उपचार प्रदान किया जाता है बनाई गई है.
*🔹पात्रता और कवरेज:-*
01. कोई भी व्यक्ति जो किसी भी सड़क पर मोटर यान के प्रयोग से हुई सड़क दुर्घटना का पीड़ित (जिसे इसके बाद पीड़ित कहा जाएगा) है इस स्कीम के उपबंधों के अनुसार नगदी रहित उपचार का हकदार है
02. पीड़ित ऐसी दुर्घटना की तारीख से अधिकतम सात दिन की अवधि के लिए किसी भी नाम निर्दिष्ट अस्पताल में प्रति पीड़ित 150000/- रुपए तक की रकम के नगदी रहित उपचार का हकदार है। 03.इस स्कीम के अधीन नाम निर्दिष्ट अस्पताल के अतिरिक्त किसी अन्य अस्पताल में उपचार केवल स्थिरीकरण प्रयोजनों के लिए किया जाएगा और यह मार्गदर्शी सिद्धांतों द्वारा विनिर्दिष्ट किया गया है।
परंतु राज्य सरकार पीड़ितों को ट्रामा और पाली ट्रामा देखभाल प्रदान करने में सक्षम सभी अस्पतालों को स्कीम के क्रियान्वयन के लिए नाम निर्दिष्ट अस्पतालों के रूप में शामिल करने के सभी आवश्यक उपाय कर सकती है।
*🔹नोडल अभिकरण:-*
01 राज्य सड़क सुरक्षा परिषद उसे राज्य संघ राज्य क्षेत्र के लिए स्कीम के कार्यान्वयन के लिए नोडल अभिकरण बनाई गई है परंतु राज्य सरकार केंद्रीय सरकार के पूर्व अनुमोदन से किसी अन्य निकाय को नोडल अभिकरण के रूप में विनिर्दिष्ट कर सकता है।
02. नोडल अभिकरण मार्गदर्शी सिद्धांतों के द्वारा यथाविनिर्देशित स्कीम के पूर्ण या उसके किसी भाग के कार्यालय के लिए कार्य ऑनलाइन अभिकरणों को निर्देशित कर सकता है।
*🔹नोडल अभिकरण के कृत्य:-*
नाम निर्दिष्ट अस्पतालों को शामिल करने पीड़ितों के उपचार के लिए नाम निर्दिष्ट अस्पताल को भुगतान और संबंधित मामलों के लिए पोर्टल को अंगीकृत करने और उसका उपयोग करने के लिए राष्ट्रीय स्वास्थ्य अभिकरण के साथ समन्वय में किया जाता है।
. स्कीम या इसके फायदे में धोखेबाजी या दुरुपयोग का पता लगाने और इसे रोकने के लिए अपेक्षित उपायों को कार्यान्वित करने के राज्य स्वास्थ्य अभिकरण के साथ समन्वय कर सकते है।
04. स्कीम के कारण से उद्भूत शिकायतों के निवारण के लिए एक तंत्र विकसित करेगा जो कार्यान्वयित और बनाए रखेगा।
पीड़ित को चिकित्सा उपचार:-*
नाम निर्देश अस्पताल में पीड़ित को ले जाए जाने पर तुरंत चिकित्सा उपचार शुरू की जाएगी और उसे प्रशासित किया जाएगा। यदि नाम निर्दिष्ट अस्पताल यह समझता है कि पीड़ित के समुचित उपचार के लिए आवश्यक उपचार सुविधा या विशेषज्ञता उसके पास उपलब्ध नहीं है तो ऐसा नाम निर्दिष्ट अस्पताल पीड़ित को तुरंत किसी अन्य नाम निर्दिष्ट अस्पताल में रिफर करेगा और पोर्टल पर स्थानांतरण को उपदर्शित करेगा तथा पीड़ित को एंबुलेंस के माध्यम से ऐसे नाम निर्देश अस्पताल तक पहुंचाने की व्यवस्था करेगा।
*🔹अस्पतालों को भुगतान:-*
स्कीम के अधीन पीड़ित को छुट्टी मिलने के बाद यथा स्थिति नाम निर्दिष्ट अस्पताल या स्थरीकरण उपचार प्रदान करने वाला ऐसा अन्य अस्पताल पोर्टल पर उपचार पैकेज की लागत के भुगतान के लिए राज्य स्वास्थ्य अभिकरण द्वारा ऐसी यथा विनिर्दिष्ट रीति और ऐसे दस्तावेजों के साथ दावा प्रस्तुत करेंगे।
“सड़क दुर्घटना प्रकरणों का नगदी उपचार स्कीम 2025” का लाभ प्रत्येक सड़क दुर्घटनाओं में पीड़ित को अवश्य मिले इस हेतु इस योजना के संबंध में लोगों को जागरूक किया जा रहा है साथ ही यातायात बिलासपुर के द्वारा नियमित रूप से लोगों से अपील किया जा रहा है कि सड़कों पर चलते हुए सदैव यातायात नियमों का पालन करें ताकि यातायात नियमों की उपेक्षा एवं लापरवाही उर्वाक वाहन चालन के परिणाम स्वरूप होने वाले सड़क दुर्घटना में किसी भी प्रकार की जनहानि एवं वाहनों की क्षति की स्थिति
ही निर्मित न हो सके

