बिलासपुर ।प्रदेश कांग्रेस कमेटी के निर्देश पर जिला कांग्रेस कमेटी द्वारा शनिवार को ईडी और केंद्र सरकार का नेहरू चौक में पुतला दहन किया ।
दोपहर 12.00 बजे कांग्रेस भवन में ढेर सारे कांग्रेसी एकत्रित हुए ,और केंद्र सरकार तथा ई डी के खिलाफ नारे लगाते हुए नेहरू चौक पहुंचे । वहां पर कांग्रेस नेताओं ने केंद्र सरकार प्रधानमंत्री गृह मंत्री और ईडी के खिलाफ नारे लगाते हुए आरोप लगाया कि केंद्र सरकार ,अडानी को छत्तीसगढ़ बेच देना चाहता है और –कांग्रेस को फंसाना चाहती है।
जल-जंगल-जमीन किसके नाम –अडानी के नाम ,अडानी के नाम जैसे नारे लगाते हुए कांग्रेसी नेहरू चौक पहुंचे ।पुलिस अपने कर्तव्य का निर्वहन करते हुए बड़ी संख्या में तैनात थी , कांग्रेसी को आते देख पुलिस हरकत में आई और कोशिश की पुतला को छीन लिया जाए पर असफ़लता ही हाथ लगी और कांग्रेस के युवा ब्रिगेड ने पुतला को आग के हवाले कर दिया, पुलिस बोतल में पानी भरकर दौड़ती रही ,तब तक पुतला को खाक ए सुपुर्द कर दिया गया ,पश्चात कांग्रेसजन ताली बजाते हुए नारे लगाते रहे ।
कांग्रेस नेताओं ने आरोप लगाया कि केंद्र सरकार प्री प्लानिंग के तहत काम कर रही है ,जिस प्रदेश में अडानी और केंद्र सरकार का विरोध होता है वहां के विपक्षी नेताओ को ईडी,सीबीआई और आईटी ,ईओडब्लू के द्वारा जबरन फंसाया जा रहा है ,यह 2014 से लगातार चल रहा है ,ये आकंड़े ही ईडी की कार्यशैली को बयां कर रहे है ।
ईडी द्वारा 2014 से 2024 तक लगभग 7264 छापे मारे गए ,जिसमे से 5155 पर एफआईआर हुई,755 गिरफ्तारियां हुई और मात्र 63 लोगो को कोर्ट से सजा हुई ,इन आंकड़ों से स्पष्ट है कि ईडी की कार्यवाही कोई पुख्ता सबूत के आधार पर नही होती, राजनीतिक दबाव में छापे मारे जा रहे है,और विपक्ष के नेता ,बड़े व्यपारियों को केंद्र सरकार के इशारे पर टारगेट किया जा रहा है। हर क्रिया की प्रतिक्रिया होती है और भाजपा नेता बदले की भावना से कार्यवाही कर रहे है ,यह प्रजातन्त्र के प्रतिकूल चरित्र है, प्रजातन्त्र में संवाद की गुंजाइश होनी चाहिए ।कटुता तक न पहुंचे ,क्योकि जवाबी कार्यवाही होगी तो प्रजातन्त्र खतरे में पड़ जायेगा। कल की घटना जसमे पूर्व मुख्यमंत्री भूपेश बघेल के सुपुत्र को ईडी ने गिरफ्तार किया ,तमनार जंगल कटाई से जुड़ा हुआ है क्योंकि पूर्व मुख्यमंत्री कांग्रेस विधायकों के साथ तमनार गए तो सरकार ने रास्ते को ही रोक दी और कल ही तमनार को लेकर विधानसभा में प्रश्न लगा था ,शायद केंद्र और राज्य सरकारों ने अडानी को बचाने के लिए यह खेल खेला है,ताकि अडानी एक्सपोज़ न हो । जल,जंगल और जमीन छत्तीसगढ़ के धरोहर है ,जिसके रक्षक आदिवासी समाज है ,जिसने जल,जंगल,जमीन को बचाने के लिए आज भी आधुनिकता से दूर है पर केंद्र सरकार और राज्य सरकार मिलकर आदिवासियों को उनके हक से वंचित कर रहे है।
पूर्व महापौर राम शरण यादव ने कहा कि आज हाथियों के झुंड शहर की ओर आ रहा है ,ग्रामीण लोग उनके क्रोध से जान-माल गंवा रहे है, यह संघर्ष आने वाले दिनों में और बढ़ेगा,
पूर्व विधायक सियाराम कौशिक ने कहा कि इससे पहले भी पूर्व मुख्यमंत्री ने अडानी को लेकर विधानसभा में व्यक्तव्य दिए थे तब उनके घर ईडी का छापा पड़ा था,इससे स्पष्ट है कि पूरी दाल काली है , विपक्ष के जिन नेताओ को भाजपा ने भ्रष्ट कहा ,ईडी के छापे पड़े ,उन्हें दबाव पूर्वक भाजपा में शामिल किया गया आज उनके ऊपर ईडी बड़ा मेहरबान है ,कुछेक के केस ईडी ने वापस ले लिया ।

