मानव तस्करी के आरोप में दुर्ग पुलिस द्वारा गिरफ्तार दो ननों की जमानत याचिका पर एनआईए कोर्ट में फैसला सुरक्षित,शनिवार को स्थिति हो सकती है स्पष्ट

बिलासपुर। । कथित धर्मांतरण और मानव तस्करी के आरोप में गिरफ्तार दो ननो की जमानत याचिका पर बिलासपुर के एनआईए कोर्ट में दोनों पक्षों की दलीलें सुनने के बाद फैसला सुरक्षित हो गया है । संभवत कल शनिवार को कोर्ट जेल या बेल पर फैसला सुना देंगे।

बजरंग दल के विरोध पर दुर्ग पुलिस द्वारा केरल की दो ननों की गिरफ्तारी ने कई सवाल खड़े कर दिये हैं। दिल्ली तक यह सियासत गरमाई हुई है । सत्ताधारी दल भाजपा सीधे तौर पर कांग्रेस के खिलाफ पूरे देश में माहौल बनाने के लिए जुट गया है। छत्तीसगढ़ में नन की गिरफ्तारी के बाद अदालत से सड़क तक हंगामा हुआ । दुर्ग सेसन कोर्ट ने यह कहकर मामला वापस कर दिया कि उन्हें अधिकार नहीं ऐसे मामले सुनने के। वहीं ननों के खिलाफ पुलिस के पास कोई प्रमाण नहीं है कि वो मानव तस्करी से जुड़ी हैं।

अबुझमाड़ की कमलेश्वरी का कहना है कि वो अपनी मर्जी से आगरा जा रहा थी। ननों पर झूठा अरोप लगाया गया है। पीटकर जबरन बयान लिया गया है। एनआईए कोर्ट ने फैसला सुरक्षित रख लिया है। कल फैसला आएगा दोनों ननों को बेल मिलती है या जेल में ही रहेंगी।

 दुर्ग रेलवे स्टेशन से ह्यूमन ट्रैफिकिंग केस में गिरफ्तार दो ननों के मामले में शुक्रवार को बिलासपुर एनआईए कोर्ट में सुनवाई हुई। इस दौरान पीड़ित पक्ष ने अपनी दलीलें दर्ज कराईं। एनआईए कोर्ट ने दोनों पक्षों की बहस सुनने के बाद अपना निर्णय सुरक्षित रख लिया है। एनआईए कोर्ट के जज सिराजुद्दीन कुरैशी शनिवार को ननों की जमानत पर फैसला सुनाएंगे। वहीं अब सबकी निगाहें इस कोर्ट के फैसले पर टिकी हैं, क्या कोर्ट ननों को बेल देगा या उन्हें फिर जेल भेजेगा? अबूझमाड़ की रहने वाली कमलेश्वरी ने कहा है कि हमें कोई अपहरण कर नहीं ले जा रहा था। अपनी मर्जी से आगरा जा रहे थे। ननों पर झूठा आरोप लगाया गया है।बचाव पक्ष के वकील अमृतो दास ने बताया कि एनआईए कोर्ट के सामने सभी बातें रखी गई है। ननों के खिलाफ जिस तरीके से जो डायरी में मटेरियल आया है, उसे कोर्ट को बताया गया है। ननों के खिलाफ पुलिस के पास कोई भी सबूत नहीं हैं। प्रॉसीक्यूशन ने इंट्रोगेशन की डिमांड नहीं की। हमने कोर्ट से अपील की है कि ननों को कस्टडी में रखने की जरूरत ही नहीं है।

कोर्ट में  जमानत याचिका पर सुनवाई हुई पूरी

एनआईए के वकील दाऊ चंद्रवंशी ने बताया कि कोर्ट में सुनवाई पूरी हो गई है। अभी कोर्ट से ऑर्डर नहीं आया है। फैसला सुरक्षित रखा गया है। ननों के पक्ष से बताया गया है कि मानव तस्करी का मामला नहीं है, लेकिन हमें लगता है कि ये मानव तस्करी है। इसलिए कोर्ट में विरोध किया गया है। बाकी कोर्ट अपना फैसला सुनाएगा।वहीं ननों के साथ पकड़ाई नारायणपुर के अबूझमाड़ की रहने वाली कमलेश्वरी ने कहा है कि हमें कोई अपहरण कर नहीं ले जा रहा था। अपनी मर्जी से आगरा जा रहे थे। ननों पर झूठा आरोप लगाया गया है। हमसे मारपीट कर जबरदस्ती बयान लिया गया। मेरा पूरा परिवार पिछले 5-6 साल से ईसाई धर्म को मान रहा है।

कमलेश्वरी प्रधान ने कहा कि, कुछ साल पहले मेरी मां बहुत ज्यादा बीमार थी। अस्पताल लेकर गए, अलग-अलग गांवों में भी देसी इलाज करवाए लेकिन ठीक नहीं हुईं। जब यहां गए (चर्च) तो एक दिन में इलाज हो गया। एक दिन में ठीक हो गईं। जिसके बाद हमारा ईसाई धर्म के प्रति विश्वास बढ़ गया। पूरा परिवार इस धर्म को मानने लगा। हम सभी सिस्टर्स के साथ हैं। वे यहां लोगों की मदद करने और एजुकेट करने के लिए आईं थी।

दुर्ग में‌ केरल की दो ननों की गिरफ्तारी मामले में लोअर कोर्ट के बाद सेशन कोर्ट ने याचिका खारिज कर दी थी। सेशन कोर्ट के जज अनीश दुबे ने कहा हमें यह प्रकरण सुनने का अधिकार नहीं है। यह मानव तस्करी से जुड़ा मामला है, जिसमें बिलासपुर एनआईए कोर्ट को सुनवाई का अधिकार है।

निर्मल माणिक/ प्रधान संपादक ,मोबाइल:- 9827167176

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