
प्रधानमंत्री को भेजे गए ज्ञापन में उनके बिलासपुर प्रवास में मिलने का समय भी मांगा
बिलासपुर । हवाई सुविधा जन संघर्ष समिति ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के आगामी बिलासपुर प्रवास को देखते हुए उनसे बिलासपुर की 30 मार्च को होने वाली सभा में बिलासा बाई केवट एयरपोर्ट के विकास के लिए 300 करोड रुपए अनुदान और सेना के कब्जे वाली जमीन वापसी की घोषणा करने का आग्रह संबंधी ज्ञापन प्रधानमंत्री को भेजा है।
समिति ने बिलासपुर प्रवास के दौरान उनसे मिलने का समय भी मांगा है।
प्रधानमंत्री श्री मोदी को भेजे गए ज्ञापन में कहा गया है कि बिलासपुर जिले और संभाग के प्राकृतिक संसाधनों का भारी मात्रा में दोहन कर राष्ट्र हित में उपयोग किया जा रहा है। परंतु यह खेद का विषय है कि इस भारी संख्या में राष्ट्रहित में योगदान देने के बावजूद विकास का जो हिस्सा बिलासपुर और संभाग को मिलना चाहिए वह नहीं मिल पा रहा। छत्तीसगढ़ राज्य बनने के बाद भी पूरा विकास रायपुर में केंद्रित रहा है।
केंद्र सरकार द्वारा बनाए गए संस्थान चाहे वह एम सो आईआईएम हो आईआईटी हो या एनटीपीसी के पैसे से बना ट्रिपल आईटी सभी रायपुर या आसपास बनाए गए है।
छत्तीसगढ़ राज्य का क्षेत्रफल 135000 वर्ग किलोमीटर है और यह क्षेत्रफल में तमिलनाडु से भी बड़ा है परंतु यहां केवल एक सर्व सुविधा युक्त एयरपोर्ट है जहां बोइंग और एयरबस उतर सकते हैं वह रायपुर है। इसके विपरीत तमिलनाडु में 6 सर्व सुविधा युक्त एयरपोर्ट है।
बिलासपुर जो छत्तीसगढ़ राज्य का दूसरा प्रमुख शहर है और जहां राज्य का हाई कोर्ट है और जहां एनटीपीसी के सारे संयंत्र हैं और दक्षिण पूर्व मध्य रेलवे का जोनल मुख्यालय है वहां का एयरपोर्ट केवल 72 सीटर विमान संचालन के लिए ही उपयुक्त है। इस एयरपोर्ट को 4c एयरपोर्ट बनाने और सभी प्रमुख महानगरों से कम से कम एक सीधी उड़ान देने के लिए 5 साल से अधिक समय से हमारी समिति अहिंसात्मक आंदोलन चला रही है। आपके इस प्रवास पर हमारी यह अपेक्षा है की बिलासपुर क्षेत्र के साथ हो रहे इस अन्याय को दूर किया जाए और बिलासपुर एयरपोर्ट के विस्तार के लिए 300 करोड़ की राशि एक मुश्त अनुदान के रूप में राज्य सरकार को स्वीकृत की जाए क्योंकि यह एयरपोर्ट राज्य सरकार के प्रबंधन का एयरपोर्ट है।
बिलासपुर अंचल कोयला खनन ऊर्जा और रेलवे के क्षेत्र में जितना भारी मात्रा में राजस्व केंद्र सरकार को दे रहा है उसकी तुलना में यह 300 करोड़ का एक मोस्ट अनुदान अत्यंत कम ही है और इसे तुरंत स्वीकृत किया जाना चाहिए।
बिलासपुर के बिलासा बाई केवट एयरपोर्ट के विस्तार में एक और बड़ी बाधा आप दूर कर सकते हैं। एयरपोर्ट विस्तार के लिए जिस 1012 एकड़ जमीन की आवश्यकता है वह 14 साल पहले रक्षा मंत्रालय ने सेना के ट्रेनिंग सेंटर के लिए अधिग्रहित की थी और उनकी योजना में एयरपोर्ट का विस्तार भी शामिल था। परंतु 2018 तक आते-आते रक्षा मंत्रालय ने यह प्रोजेक्ट ड्रॉप कर दिया और अब सेना के कब्जे की यह जमीन पूरी तरह बेकार और खाली पड़ी है। छत्तीसगढ़ की सरकार ने यह जमीन रक्षा मंत्रालय से वापस मांगी है परंतु सेना के द्वारा राज्य सरकार से इसके लिए मार्केट रेट पर पैसा मांगा जा रहा है जो सर्वथा अनुचित है। नियम के अनुसार अधिग्रहित जमीन पर प्रोजेक्ट स्थापित न करने पर जमीन लेप्स होनी चाहिए परंतु इसके बाद भी सेना को राज्य सरकार जमीन के लिए दी गई पूरी राशि ब्याज सहित वापस करने तैयार है। फिर भी सेना के द्वारा मार्केट रेट का अड़ंगा लगाया हुआ है प्रधानमंत्री जी यह बाधा केवल आप पूरी कर सकते हैं। उपरोक्त परिपेक्ष में हमारी समिति आपसे दो प्रमुख मांग कर रही है।
1. बिलासा बाई केवट एयरपोर्ट बिलासपुर के 4c श्रेणी उन्नयन के लिए 300 करोड रुपए अनुदान केंद्र सरकार राज्य सरकार को दे
2. सेना के कब्जे वाली 1012 एकड़ जमीन राज्य सरकार द्वारा प्रस्तावित रकम वापसी की दर पर एयरपोर्ट विकास के लिए वापस राज्य सरकार को सौंपी जाए।
हमारी समिति आपके बिलासपुर प्रवास में आपसे भेंट कर इस संबंध में व्यक्तिगत निवेदन भी करना चाहती है कृपया हमारे प्रतिनिधि मंडल को 5 मिनट का समय मिलने के लिए प्रदान करें।
हवाई सुविधा जन संघर्ष समिति का महा धरना आज भी जारी रहा। आज
रवि बनर्जी, मनोज श्रीवास ,मनोज तिवारी, बद्री यादव, मनोहर खटवानी, अशोक भंडारी, दीपक कश्यप, चित्रकांत श्रीवास, जसवीर सिंह चावला, देवेंद्र सिंह राकेश शर्मा, रणजीत सिंह खनूजा, महेश दुबे टाटा, परसराम कैवर्टे, बद्री प्रसाद केव्रत, हर प्रसाद केवट, आशुतोष शर्मा, प्रकाश बह कृष्ण मुरारी दुबे, रिया वस्त्रकार और सुदीप श्रीवास्तव शामिल थे।
