बिलासपुर ।नगर निगम के कुछ अर्थलिप्सा अमले और भाजपा नेताओं की शह पर पुराना बस स्टैंड ,महुआ होटल के पास अवैध निर्माण तन गया था जिसकी शिकायत पर निगम आयुक्त के निर्देश पर उक्त अवैध निर्माण को तोड़ने एक माह पहले निर्माणकर्ता व्यापारी को नोटिस जारी किया गया था इसके बाद भी निर्माण कार्य जारी था जिसके चलते रविवार को निगम के जोन कमिश्नर 5 और अतिक्रमण विभाग का अमला कई जे सी बी लेकर पहुंचे और तीन मंजिल ऊपर से तोड़फोड़ कार्रवाई शुरू कर दी ।

निगम की इस कार्रवाई से हड़बड़ाए व्यापारी ने भाजपा के पार्षदों ,नेताओं को मोबाइल से सूचित कर तोड़फोड़ की कार्रवाई को रुकवाने का आग्रह किया जिस पर दूसरे वार्ड के भाजपा पार्षद,एमआईसी मेंबर भी वहां पहुंच गए लेकिन उनका दबाव काम नहीं आया । जो न कमिश्नर ने कार्रवाई रोकने से इनकार कर दिया । तोड़फोड़ के बीच में कुछ देर तक बिजली बंद रही । बिजली आते ही तोड़फोड़ शुरू कर दी गई। जो न कमिश्नर को बताया गया कि पूरे निर्माण कार्य में चार करोड़ से भी अधिक की राशि अनुमानित है और प्रभावित व्यापारी ने साढ़े तीन करोड़ रुपए का कर्ज लिया है । निगम की कार्रवाई के बाद सब कुछ ठीक करने में उसे 10 लाख रुपए से अधिक और खर्च करने पड़ेंगे। जोन कमिश्नर से तोड़फोड़ की कार्रवाई आधे घंटे के लिए रोक देने का अनुरोध किया गया ताकि अंदर रखे सीमेंट और टाइल्स को निकाल कर सुरक्षित स्थान में भेजा जा सके लेकिन कमिश्नर ने यह कहते हुए कार्रवाई को रोकने से इनकार कर दिया कि बिजली बंद थी इस दौरान टाइल्स और सीमेंट को निकाला जा सकता था । निगम की तोड़फोड़ की इस कार्रवाई का वार्ड के कुछ पुराने पार्षदों ने समर्थन करते हुए कहा कि जिस प्रभावशाली पार्षद ने कांग्रेस शासनकाल में मेयर से मिलीभगत कर अवैध निर्माण को संरक्षण दिया था आज वही पार्षद निगम की कार्रवाई को रुकवाने दबाव डालने पहुंचा था मगर वह सफल नहीं हो पाया।
आज निगम की कार्रवाई के दौरान व्यापारी ने स्वीकार किया कि और लोग भी अवैध निर्माण कर रहे इसलिए उसने भी किया ।पुराने बस स्टेंड की अवैध दुकानों पर नगर निगम ने रविवार को बुलडोजर तो चला दिया मगर कुछ दुकाने बची है जिस पर कार्रवाई नहीं हुई है ।
यहां अवैध प्लाटिंग का भी मामला है बताते है एक व्यापारी परिवार में प्लाट का बंटवारा किया फिर ऊंचे दाम में बेच दिया , नगर निगम ने नोटिस दिया था लेकिन कहीं न कहीं निगम के कुछ चर्चित अमले की मिली भगत से अवैध दुकानों का निर्माण हो गया, एक दुकान का मामला कोर्ट में चल रहा था , इन दुकानों में किसी भी दुकान दार ने पार्किंग के लिए जगह नहीं। छोड़ी है जिसके कारण जाम की स्थिति रहती है , किसी दुकानदार ने पार्किंग और फायर की जगह नहीं छोड़ी है और अवैध निर्माण करवा लिए है।: कुछ दिन पहले इस बात की चर्चा जोरो पर थी कि इस प्रॉपर्टी की जो खरीदी बिक्री हुई है उसमें राजस्व विभाग को चूना लगाया गया है साथ ही रजिस्ट्री में भी अनियमितता है ।नाले के ऊपर दुकान हैं जो पहले ढकी हुई थी फिर अब नाल अलग क्यों नहीं किया जा रहा अवैध निर्माण भी इस प्रॉपर्टी में है। कायदे से राजस्व विभाग के अधिकारियों को भी इस निर्माण पर संज्ञा न लेकर कार्रवाई करनी चाहिए।

