
बिलासपुर। ज़िला कांग्रेस कमेटी ( ग्रामीण /शहर ) द्वारा आज 27 अक्टूबर को केंद्रीय विश्वविद्यालय गुरुघासीदास के छात्र अर्सलान अंसारी की मौत की उच्च स्तरीय जांच की मांग को लेकर एक प्रतिनिधि मंडल वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक से मुलाकात की और ज्ञापन सौंपा गया।
प्रतिनिधि मंडल में जिला अध्यक्ष ग्रामीण विजय केशरवानी,शहर अध्यक्ष विजय पांण्डेय,मस्तूरी विधायक दिलीप लहरिया,पूर्व महापौर राम शरण यादव, पूर्व जिला सहकारी बैंक अध्यक्ष प्रमोद नायक, पूर्व सभापति शेख नजीरुद्दीन, शहर प्रवक्ता ऋषि पांण्डेय, ब्लॉक अध्यक्ष विनोद साहू आदि थे।
ज़िला कांग्रेस कमेटी ग्रामीण के अध्यक्ष विजय केशरवानी ने कहा कि केंद्रीय विश्वविद्यालय की स्थापना इस लिए की गई कि राष्ट्रीय स्तर की शिक्षा का लाभ युवाओं को मिल सके ,किन्तु विश्वविद्यालय शिक्षा की मंदिर न होकर एक विशेष विचार धारा के प्रचार-प्रसार की संस्था बन कर रह गई है, जिससे दूर दूर से आये छात्र मायूस हो रहे है, अव्यवस्था का आलम ये है कि विश्वविद्यालय लगातार विवादों से घिरा रहता है, जो छात्र प्रबंधन के खिलाफ या अपने अधिकारों के लिए आवाज़ उठाता है उसे बाहर का रास्ता दिखाने में प्रबंधन क्षणिक भी देरी नही करता ,जिस परिसर में धर्मांतरण जैसी घटना हो गई ,पर प्रबंधन पर कोई कार्यवाही नही की जाती ,
विजय केशरवानी ने कहा कि बीएससी ( भौतिक ) के 5 वे सेमेस्टर का छात्र 21 अक्टूबर से विवेकानन्द हॉस्टल से गायब हो जाता है ,पर प्रबंधन,वार्डेन, सुरक्षा अधिकारी कुम्भकर्णी नींद में सोये रहते है उन्हें पता तक नही चलता कि कोई छात्र हॉस्टल से गायब है जबकि नियमानुसार छात्रों का होस्टल से आने-जाने पर रजिस्टर में लिखना होता है कि कहां जा रहे हो ?कब तक आना है? छात्र अर्सलान अंसारी की शव तालाब में तैरता मिला उसके बाद भी विश्वविद्यालय को ये नही पता था कि कोई छात्र 21 अक्टूबर से हॉस्टल से गायब है ,
विजय केशरवानी ने कहा कि माता-पिता अपने बच्चों को सुरक्षा की दृष्टि से हॉस्टल को प्राथमिकता देते है,किन्तु यह उन माता पिता को चिंता में डाल दिया है , विजय केशरवानी ने कहा कि विश्वविद्यालय में गर्ल्स हॉस्टल भी है , उनकी स्थिति कैसी है? जांच का विषय है? एक व्यथित पिता जो अपने युवा पुत्र के शोक में डूबा हुआ है, उनसे मिलने के लिए कुलपति के पास एक मिनट भी नही है ,क्या संवेदनाएं प्रगट करने और सांत्वना देने की परंपरा को भी कुलपति भूल चके है ?जबकि रविवार को विश्वविद्यालय में समारोह आयोजित करना गंभीर विषय है ,ऐसा लगता है कि उक्त प्रबंधन के लिए औपचारिक है। विजय केशरवानी ने कहा कि छात्र बिहार से था जहां छठ पूजा सबसे बड़ा पर्व है ,इस महापर्व में बच्चे की मौत और कुलपति की उदासीनता जले में नमक छिड़कने जैसा है।
शहर अध्यक्ष विजय पांण्डेय ने कहा कि एक होनहार मेघावी छात्र आत्महत्या नही कर सकता , तालाब के पास क्यो गया ?, यदि घूमने जाता तो दोस्त भी होते ,अभी उनके रूम पार्टनर्स के बयान नही आया है ,वे बच्चे कहाँ है? यह घटना प्रबंधन ,वार्डेन और सुरक्षा अधिकारी की कार्यशैली पर गम्भीर प्रश्न खड़ा करता है ? क्या उसे अन्य छात्रों द्वारा प्रताड़ित किया जाता रहा ?विजय पांण्डेय ने कहा कि चूंकि विश्वविद्यालय के कुलपति,कुलसचिव, या प्रबंधन के अधिकारीगण लंबे समय से इस विश्वविद्यालय में सेवारत है और लगातार विश्वविद्यालय विवादों से घिरा रहता है,कुछ दिन पहले दो छात्रों को रेस्टीगेट किया गया औरअब एक बड़ी घटना हो गई है ऐसे में तत्काल सभी जिम्मेदार अधिकारियों का स्थानांतरण करने की जरूरत है तभी विश्वविद्यालय में शैक्षणिक वातावरण बनेगा नही तो आने वाले समय में बच्चे प्रवेश लेने के लिए दूरी बनाने लगेंगे।
मस्तूरी विधायक दिलीप लहरिया ने कहा कि एक युवा छात्र की मौत हुई है ,इससे सभी छात्रों में जो दूर दूर से पढ़ने आये है ,एक भय का वातावरण निर्मित हो गया है ,आज छात्राएं अपने आप को ज्यादा असुरक्षित महसूस कर रही है ,इस घटना की सत्यता आनी चाहिए ,जिसके उच्च स्तरीय जांच जरूरी है , बिहार में चुनाव होने वाला है और छात्र बिहार से है ,इस लिए सरकार घबरा रही है, कि कहीं ये घटना चुनावी मुद्दा न बन जाये ,
लहरिया ने कहा कि मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय छत्तीसगढ़ में बिहार दिवस मना सकते है पर बिहारी छात्र को सुरक्षा नही दे सकते ,दो दिन से छात्र लापता था 23 अक्टूबर को शव मिलता है क्या छत्तीसगढ़ सरकार के सारे तंत्र फैल हो चुके है? लहरिया ने कहा कि कांग्रेस कृत संकल्पित है छात्र को न्याय मिलते तक ,सड़क से लेकर सदन तक लड़ाई लड़ेगी।
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Mon Oct 27 , 2025
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