सरकार के राजस्व में बढ़ोतरी है बड़ा मुद्दा
बिलासपुर। करीब साल भर पहले यहां पदस्थ महिला आबकारी उपायुक्त ने अवैध शराब की तस्करी और कोचियों द्वारा गांव गांव में शराब की बिक्री के खिलाफ कार्रवाई नहीं किए जाने के प्रश्न पर साफगोई के साथ कहा था कि तो क्या हुआ कार्रवाई नहीं हो रही है तो ,कम से कम सरकार के राजस्व में बढ़ोतरी तो हो रही है । शराब वैध हो या अवैध बिक्री तो हो रही है न?हम तो सरकार के राजस्व पर ज्यादा ध्यान देते है।
तत्कालीन आबकारी उपायुक्त के उक्त कथन से यह तो प्रमाणित होता है कि आबकारी अमला अवैध शराब को पकड़ने के लिए नहीं बल्कि ज्यादा से ज्यादा सरकारी शराब की बिक्री और सरकार की कमाई के प्रति उत्तरदाई है और यही वजह है कि अवैध शराब का ज्यादा प्रकरण पुलिस बनाती है । आबकारी विभाग का अमला ऐसे कार्रवाई को नजर अंदाज करती है। गांव गांव में अवैध शराब की बिक्री आबकारी विभाग के संरक्षण में होती है ऐसा कहना कुछ हद तक सही हो सकता है।
लोफदी में 9 ग्रामीणों की मौत शराब से हुई मगर आबकारी अमला खामोश है दिखाने के लिए अवैध शराब के कुछ प्रकरण आनन फानन में बना दिए गए ताकि लगे कि आबकारी विभाग भी अवैध शराब की बिक्री रोकने कार्रवाई कर रही है । अभी तीन दिन पूर्व ही सवा करोड़ की अंग्रेजी शराब पकड़ी गई । ये कहां से आ रही थी और कहां ले जाया जा रहा था,किसने मंगवाया था यह अभी स्पष्ट नहीं हुआ है ।
जिन लोगों को शराब की पेटियों से भरे कंटेनर के साथ पकड़ा गया उनसे पूछताछ में क्या निष्कर्ष निकला इसे भी ठीक से उजागर नहीं किया जा सका है। जिन दो लोगों को जिम्मेदार बताकर फरार बताया जा रहा उनकी तलाश हो भी रही है कि नहीं इसमें भी रहस्य बना हुआ है जबकि पंकज सिंह और एक अन्य के बारे में और भी कई जानकारी मिल रही है (शायद आबकारी और पुलिस को इसकी जानकारी हो) चर्चा है कि ये दोनों आरोपी अवैध रूप से दिल्ली आदि से शराब मांगने के आदि है । इनका बड़ा नेटवर्क है फर्जी कागजात ,पास आदि बनवाना इनके बाएं हाथ का खेल है ।इनमें से एक तो बाकायदा नगरीय निकाय का चुनाव भी लड़ रहा था लेकिन सवा करोड़ का शराब और कंटेनर पकड़े जाने के बाद ये कथित प्रत्याशी चुनाव छोड़कर फरार हो गया ।
यह भी बताया जा रहा कि बिलासपुर में रहने वाले ये शराब तस्करों का दिल्ली समेत कई राज्यों में बड़ा नेटवर्क है और पंचायत चुनाव के दौरान प्रत्याशियों को आपूर्ति करने करोड़ों रुपए का अवैध शराब मंगाने की तैयारी में था । शराब से 9 लोगों की हुई मौत से चारों तरफ हो रही किरकिरी तथा विपक्ष के हमले के चलते पुलिस और आबकारी विभाग को एन चुनाव के वक्त लगातार कार्रवाई करनी पड़ी है हालांकि नगरीय निकाय के चुनाव में अधिकांश और चुनाव लड़ने में हर दृष्टि से महारत हासिल प्रत्याशियों ने हफ्ते भर पहले से पर्याप्त शराब का जुगाड कर लिया था और वांछित वोटरों को मतदान के एक दिन पहले पूरी सतर्कता के साथ बंटवाया भी गया ।जिन लोगों को शराब उपलब्ध नहीं हो पाया उन प्रत्याशियों ने नकदी रकम बांटी।
पुलिस और आबकारी वालों ने नगरीय निकाय चुनाव लड़ रहे एक भी प्रत्याशी का शराब नहीं पकड़ा यह कटु सत्य है । सवा करोड़ का शराब मंगाने वाले आरोपी को पुलिस और आबकारी वाले कब तक पकड़ेंगे यह रहस्य बना हुआ है ।शायद त्रिस्तरीय पंचायत चुनाव भी संपन्न हो जाए और उन दोनों आरोपियों का अता पता ही न चले ।
निर्मल माणिक/ प्रधान संपादक ,मोबाइल:- 9827167176
Fri Feb 14 , 2025
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