निगम,मंडलों और आयोगों में नियुक्तियां लेकिन मंत्रिमंडल विस्तार की बाट जोह रहे पूर्व मंत्रियों/विधायकों को तारीख पर तारीख दी जा रही ,

बिलासपुर। छत्तीसगढ़ की साय सरकार ने निगम मंडलों और आयोग में भाजपा संगठन और संघ पृष्ठभूमि से जुड़े लोगों को पद देकर उपकृत करना शुरू कर दिया है । पद से सुशोभित नेताओं ने पदभार ग्रहण करना भी शुरू कर दिया है लेकिन मंत्रिमंडल के विस्तार को लेकर जिन विधायकों ,पूर्व मंत्रियों ने उम्मीदें लगा रखी है उन्हें न्यायालय की तरह  तारीख पर तारीख दिया जा रहा है। दर असल पार्टी के कद्दावर नेताओं के बीच विरोधाभास है इसलिए मंत्री किसे बनाया जाय इस पर एक राय बन ही नहीं पा रही है। भाजपा संगठन जिसे मंत्री बनाना चाह रही है उसमें से एक को पार्टी के ही कद्दावर नेता नहीं चाह रहे कि उक्त विधायक को मंत्री बनाया जाएं इसलिए मंत्री किस किसको बनाया जाए यह दिल्ली से तय होगा । जिस तरह की खबरें मिल रही है उससे नहीं लगता कि इस माह नए मंत्री शपथ ले पाएंगे ।

उधर निगम ,मंडल आयोग की नियुक्तियों में भी कुछ पेंच फंस रहा है ।सरकार ने निगम, मंडल, आयोग में तीन दर्जन पद बांट दिए हैं।  जिनको पद से नवाजा गया है, वे  लोग लगातार पदभार ग्रहण कर रहे हैं। अब तक 10   चेयर मेनन ने पदभार ग्रहण कर लिया है।   को गृह निर्माण मंडल के अध्यक्ष अनुराग सिंहदेव, बीज एवं कृषि विकास निगम चंद्रहास चंद्राकर और कृषक कल्याण परिषद के सुरेश कुमार चंद्रवंशी ने मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय की मौजूदगी में पदभार ग्रहण किया। अभी जो भी अध्यक्ष पदभार ग्रहण करने के लिए बचे हैं, सभी मुख्यमंत्री के समय मिलने का इंतजार कर रहे हैं। अल्पसंख्यक आयोग, राज्य खाद्य आयोग, राज्य केश शिल्पी कल्याण बोर्ड, समाज कल्याण बोर्ड और सहकारी दुग्ध महासंघ की नियुक्ति  में बताते हैं  पेंच फंसा हुआ है। कुल मिलाकर करीब आधा दर्जन निगम, मंडल, आयोग के अध्यक्ष अभी पदभार ग्रहण नहीं कर पाएंगे।

प्रदेश सरकार ने निगम, मंडल और आयोग के लिए पहली बड़ी सूची में भाजपा संगठन और राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ(RSS )  की पृष्ठभूमि से जुड़े तीन दर्जन नेताओं को पदों से नवाजा है। इनमें से एक नेता गौरीशंकर श्रीवास ने पद लेने से इनकार कर दिया। बचे 35 नेताओं के पदभार ग्रहण करने का सिलसिला प्रारंभ हुआ है। सबसे पहले क्रेडा के चेयरमैन भूपेंद्र सवन्नी ने पदभार ग्रहण किया। इसके कार्यक्रम में मुख्यमंत्री श्री साय पहुंचे। इसके बाद से पदभार ग्रहण करने का क्रम चल रहा है। इसके बाद खनिज विकास निगम के सौरभ सिंह, पाठ्य पुस्तक निगम के राजा पांडेय, मछुआ कल्याण बोर्ड के भरत मटियारा, छत्तीसगढ़ भवन एवं अन्य सन्निर्माण कर्मकार कल्याण मंडल के रामप्रताप सिंह ने मुख्यमंत्री की मौजूदगी में पदभार ग्रहण कर चुके है। रायपुर विकास प्राधिकरण के नंद कुमार साहू और छत्तीसगढ़ स्टेट वेयर हाउसिंग कार्पोरेशन के चंदूलाल साहू के पदभार में मुख्यमंत्री श्री साय नहीं पहुंच सके।छत्तीसगढ़ राज्य वन विकास निगम के रामसेवक पैकरा रविवार को पदभार ग्रहण करेंगे। 16 अप्रैल को नागरिक आपूर्ति निगम के अध्यक्ष संजय श्रीवास्तव, सीएसआईडीसी के राजीव अग्रवाल, साहित्य अकादमी के शशांक शर्मा और पर्यटन मंडल के अध्यक्ष नीलू शर्मा 16 अप्रैल को मुख्यमंत्री श्री साय की उपस्थिति में पदभार ग्रहण करेंगे। 18 अप्रैल को मेडिकल सर्विस कारपोरेशन के दीपक म्हस्के पदभार संभालेंगे। मार्कफेड के चेयरमैन की कुर्सी पर किसे बिठाना है ,सरकार ने अभी तक तय नहीं किया है।

इधर निःशक्तजन वित्त एवं विकास निगम के लोकेश कावड़िया, लौह शिल्पकार विकास बोर्ड के प्रफुल्ल विश्वकर्मा, राज्य वित्त आयोग के श्रीनिवास मद्दी, रजककार विकास बोर्ड के प्रहलाद रजक, श्रम कल्याण मंडल के योगेश दत्त मिश्रा, तेलघानी विकास बोर्ड के जितेंद्र कुमार साहू सहित बचे हुए सभी निगम, मंडल और आयोग के अध्यक्षों को मुख्यमंत्री श्री साय से समय मिलने का इंतजार है। पदभार के दौरान सीएम के रहने से पदभार ग्रहण करने वाले नेता का राजनैतिक कद और प्रभाव शायद बढ़ जाता है शायद इसी कारण  मुख्यमंत्री का समय मिलने पर ही पदभार का कार्यक्रम होगा। आदिवासी स्थानीय स्वास्थ्य परंपरा, औषधि पादप बोर्ड के विकास मरकाम  अभी  पत्नी के इलाज के लिए बेलूर में हैं, वहां से लौटने के बाद ही इस माह के अंत में पदभार ग्रहण करेंगे।

जिन आयोगों के चेयरमैन के पदभार ग्रहण में संशय की स्थिति है उसमें अल्पसंख्यक आयोग  भी है। इसका मामला कोर्ट में चल रहा है। इसके अध्यक्ष बनाए गए अमरजीत सिंह छाबड़ा का कहना है 15 अप्रैल को हाईकोर्ट में सुनवाई के बाद कोई फैसला आने पर ही पदभार की तिथि तय होगी।राज्य खाद आयोग के अध्यक्ष बनाए गए संदीप शर्मा ने कहा, पुराने अध्यक्ष का कार्यकाल अभी बचा है, उनका कार्यकाल पूरा होने पर ही पदभार ग्रहण होगा।राज्य केश शिल्पी कल्याण बोर्ड की अध्यक्ष मोना सेन ने कहा, अभी कोर्ट से स्थगन है, इसलिए पदभार ग्रहण करने की तिथि तय नहीं है। समाज कल्याण बोर्ड को लेकर बताया जा रहा है कि इसकी नियुक्ति केंद्र से होती है। इसकी अध्यक्ष बनाई गई शालिनी राजपूत को अब तक नियुक्ति पत्र नहीं मिल सका है, इसलिए उनके पदभार की तिथि भी तय नहीं है।छत्तीसगढ़ दुग्ध महासंघ को भी केंद्र सरकार के नेशनल डेयरी बोर्ड के साथ मर्ज कर दिया गया है। दुग्ध महासंघ के अध्यक्ष बनाए गए केदार गुप्ता के पदभार की तिथि भी अभी तय नहीं सकी है। उनका कहना है जल्द तिथि तय करके पदभार ग्रहण करेंगे। राज्य शासन द्वारा सरकार बनने के डेढ़ साल बाद भी अभी भी कई पदों पर नियुक्ति नहीं की जा सकी है हालांकि नियुक्तियों का सिलसिला शुरू हो चुका है । निगम ,मंडल, आयोग के अध्यक्ष बनाए गए नेता लाल बत्ती वाली कार में फर्राटे भरेंगे तो दूसरी तरफ पूर्व मंत्री और विधायक मंत्रिमंडल के विस्तार का तब तक इंतजार करेंगे जब तक सायं सरकार पेशी की तारीख खत्म कर सीधे मंत्री बनाए जाने का फैसला न कर दे।

निर्मल माणिक/ प्रधान संपादक ,मोबाइल:- 9827167176

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