चलो प्रभु श्री राम के धाम:अयोध्या यात्रा को लेकर बांटी गई जिम्मेदारी, रामलला दर्शन यात्रा समिति की हुई कामकाजी महत्वपूर्ण बैठक

प्रस्थान: 5 अप्रैल, प्रातः 11 बजे, पुलिस ग्राउंड, बिलासपुर से

दर्शन: 6 अप्रैल, रात्रि भोजन के पश्चात वापसी

वापसी: 7 अप्रैल, संध्या तक बिलासपुर आगमन

बिलासपुर।रामनवमी पर भव्य अयोध्या यात्रा की तैयारियों को अंतिम रूप देने के लिए मंगलवार, 25 मार्च को समिति का एक अहम बैठक आयोजित की गई। इस बैठक में यात्रा को सुचारू और सुरक्षित बनाने के लिए विभिन्न व्यवस्थाओं पर गहन विचार-विमर्श किया गया। विशेष रूप से बसों की सीटिंग व्यवस्था, भोजन, ठहरने, सुरक्षा और दर्शन को लेकर बारीकियों पर चर्चा हुई।बैठक में आयोजन समिति के सदस्य, स्वयंसेवक उपस्थित रहे। यात्रा संयोजक प्रवीण झा के नेतृत्व में विभागवार जिम्मेदारियां सौंपी गईं। ताकि श्रद्धालुओं को किसी प्रकार की असुविधा न हो। बैठक के दौरान निर्णय लिया गया कि यात्रा के दौरान 21 एसी बसें पुलिस मैदान से प्रस्थान करेंगी, जिसमें प्रत्येक बस के लिए अलग-अलग प्रभारी नियुक्त किए जाएंगे। इनके अलावा, चिकित्सा दल भी हर बस में तैनात रहेगा, जो किसी भी आपात स्थिति में यात्रियों की सहायता करेगा। यात्रा के दौरान श्रद्धालुओं को किसी प्रकार की कठिनाई न हो, इसके लिए भोजन, जलपान और ठहरने की उत्तम व्यवस्था की गई है। अयोध्या पहुंचने के बाद श्रद्धालुओं को सुव्यवस्थित दर्शन कराने के लिए उत्तर प्रदेश सरकार और मंदिर ट्रस्ट से विशेष अनुरोध किया गया है। यात्रा मार्ग में आवश्यकतानुसार विश्राम स्थल चिन्हित किए गए हैं, जहां यात्रियों को भोजन और अन्य सुविधाएं उपलब्ध कराई जाएंगी।

00 सुरक्षा और चिकित्सा दल की तैनाती

बैठक में सुरक्षा को लेकर भी विशेष चर्चा हुई। निर्णय लिया गया कि स्वयंसेवकों की टीम मिलकर श्रद्धालुओं की निगरानी करेगी। यात्रा के दौरान किसी भी आपात स्थिति से निपटने के लिए एंबुलेंस और चिकित्सा दल भी तैनात रहेगा। स्वयंसेवकों की टीम हर बस में मौजूद रहेगी, जो बुजुर्गों और अस्वस्थ यात्रियों की विशेष देखभाल करेगी।

00 यात्रा संचालन में प्रमुख जिम्मेदारियां

बैठक में उपस्थित स्वयंसेवकों को विभिन्न जिम्मेदारियां सौंपी गईं। इनमें प्रमुख रूप से रामप्रताप सिंह, रौशन सिंह,त्रिभुवन सिंह, रिंकू मित्रा, एके कंठ,चंद्र किशोर प्रसाद,शनद पटेल, हरिशंकर कुशवाहा, सन्नी गिरी उपस्थित रहे। ये सभी सदस्य पंजीकृत दस्तावेजों की जांच किए। बीमारी एवं 60 वर्ष से अधिक आयु के लोगों का आवेदन निरस्त भी किया गया।

00 अयोध्या यात्रा: सनातन परंपरा का जीवंत उदाहरण

इस यात्रा का आयोजन केवल एक धार्मिक यात्रा नहीं, बल्कि सनातन संस्कृति को जीवंत बनाए रखने का प्रयास है। रामनवमी के शुभ अवसर पर यह यात्रा भक्तों के लिए एक आध्यात्मिक संगम होगी, जिसमें वे श्रीरामलला के दिव्य दर्शन कर सकेंगे। आयोजन समिति का कहना है कि यह यात्रा श्रद्धा, सेवा और समर्पण का प्रतीक होगी, जिसमें हर रामभक्त को भगवान के चरणों तक पहुंचने का अवसर मिलेगा।

निर्मल माणिक/ प्रधान संपादक मोबाइल:- / अशरफी लाल सोनी 9827167176

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