छठ पूजा समिति सहित छठ माता के भक्तों ने एशिया के सबसे बड़े स्थाई छठ घाट पर किया श्रमदान

 

*रविवार को खरना पूजा के साथ शुरू हुआ 36 घंटे का निर्जला व्रत*

*बिलासपुर के तोरवा स्थित अरपा नदी पर बना एशिया का सबसे लंबा स्थाई छठ घाट पर श्रमदान करने के लिए सुबह 7 बजे स्वयंसेवकों की उमड़ी भीड़*

*बिलासपुर। संस्कारधानी बिलासपुर में सूर्य उपासना का सबसे बडा महापर्व प्रारंभ हो चुका है। 25 अक्टूबर शनिवार को अरपा मैया की महाआरती की गई और आज एशिया के सबसे बड़े स्थाई छठ घाट पर बड़ी संख्या में स्वयंसेवकों ने श्रमदान करके घाट की सफाई पूर्ण कर लि है। सुबह 7 बजे से नदी और घाट की साफ सफाई प्रवीण झा जी के नेतृत्व में की गई इस दौरान भक्तों में उत्साह देखने लायक था।*

*बिलासपुर का तोरवा छठ घाट एशिया का सबसे बड़ा स्थाई छठ घाट है। लगभग 7.5 एकड़ में फैले इस भव्य घाट पर श्रद्धालुओं की भीड़ देखते ही बनती है। महापर्व के दूसरे दिन आज रविवार सुबह से समिति के सभी स्वयंसेवकों ने स्वच्छता अभियान के लिए श्रमदान किया। घाट प्रांगण एवं घाट के निचे पानी में सफाई की गई। इसके अलावा सभी सदस्यों ने झाड़ू लेकर पूरे घाट की सफाई की। इस अवसर पर समिति के सदस्य प्रवीण झा भक्तों एवं समिति सदस्यों का उत्साह बढ़ाते हुए सभी स्वयंसेवकों को साधुवाद दिए. श्री प्रवीण झा ने बताया कि महाआरती में करीब 5000 श्रद्धालु शामिल हुए। इस साल पूजा का 25 वाँ वर्ष अर्थात रजत जयंती महापर्व है। जिसे और भी भव्य तरीके से मनाया जा रहा है जिसमें छठ पूजा समिति के सभी सदस्यों का सक्रिय योगदान है। प्रवीण झा, डॉ धर्मेंद्र दास, अभय नारायण राय, सुधीर झा, बीएन ओझा भी जुटे हुए हैं। इस वर्ष महापर्व में करीब 60 हजार श्रद्धालुओं के शामिल होने का अनुमान है। 500 से अधिक पुलिसकर्मी और वॉलिंटियर्स संयुक्त रूप से तैनात रहेंगे।*

*खरना पूजा के साथ 36 घंटे का व्रत आज से होगा प्रारंभ*

*लोक आस्था का महापर्व छठ शनिवार को नहाय-खाय के साथ शुरू हो गया है। आज रविवार को खरना है। चार दिवसीय महापर्व के पहले दिन व्रतियों ने व्रतियों ने स्नान के बाद कद्दू, अरवा चावल, चना दाल से बना प्रसाद ग्रहण किया। साथ ही चार दिवसीय अनुष्ठान का संकल्प लिया। रविवार को खरना के लिए मिट्टी के चूल्हे और आम की लकड़ी के जलावन से अरवा चावल व गुड़ से बनी खीर, रोटी आदि का प्रसाद तैयार करेंगे।

*कठोर नियमों वाला है व्रत*

*छठ पर्व में खरना का दिन बेहद खास माना जाता है क्योंकि इसी दिन से कड़े नियमों वाला निर्जला व्रत शुरू हो जाता है। व्रती पूरे दिन मन, विचार और शरीर को पवित्र रखने का संकल्प लेते हैं, और शाम को पूजा के बाद प्रसाद ग्रहण करते हैं। इस प्रसाद को परिवार और आस-पड़ोस के लोगों के साथ बांटना शुभ माना जाता है। इस दिन गुड़ की खीर बनाई जाती है- दूध, चावल और गुड़ का मिश्रण।इसके साथ गेहूं के आटे की रोटी रहती है। पहले प्रसाद सूर्य देव और छठी मैया को अर्पित किया जाता है, फिर व्रती इसे ग्रहण करते हैं और यहीं से निर्जला व्रत शुरू हो जाता है।*

*पूजन सामग्री खरीदने बाजारों में उमड़ रही भीड़*

*छठ पूजा समिति के सक्रिय सदस्य रौशन सिंह ने बताया यह महापर्व शुद्धता, पवित्रता एवं शुद्धता का महापर्व है । यह पर्व संतान प्राप्ति, निरोगी काया एवं सुख समृद्धि के लिए किया जाता है, पृथ्वी लोक पर साक्षात प्रकट होने वाले सूर्य देव की आराधना का या महापर्व है l पर्व की तैयारी में बुधवारी, शनिचरी, बृहस्पति, मंगला, सरकंडा, राजकिशोर नगर और तिफरा बाजार में खरीदारी के लिए लोगों की भीड़ उमड़ी हुई है। खरना के दिन शाम के समय में घरों में हवन, पूजा-पाठ की जाएगी। खरना का प्रसाद मिट्टी के चूल्हे पर आम की लकड़ी से अरवा-चावल दूध और गुड़ से तैयार किया जाएगा। प्रसाद को सूर्य देव को भोग लगाकर ग्रहण किया जाएगा। वहीं, सोमवार को मुख्य पर्व होगा। इस दिन शाम को श्रद्धालु तोरवा छठ घाट पर डूबते हुए सूर्य को अर्घ्य देंगे।**श्रमदान में मुख्य रूप से प्रवीण झा, विजय ओझा, अभय नारायण राय, धर्मेंद्र दास, राम प्रताप सिंह, सुधीर झा, रौशन सिंह, दिलीप चौधरी, पंकज सिंह, लव ओझा, धनंजय झा, ए के कंठ, राम सखा चौधरी, हरिशंकर कुशवाहा, चंद्र किशोर प्रसाद, मुन्ना सिंह, रिंकू दुबे, प्रशांत सिंह, राजीव गिरी, धीरज झा, अशोक झा, शौलेंद्र सिंह, निर्भय चौधरी, रवींद्र कुशवाहा, हेमंत झा, अमरनाथ तिवारी, विनोद सिंहा, बसंत ओझा, संतोष राय, सन्नी गिरी, कुबेर डँसेना, अमन कुमार, सुभाष यादव, रविरंजन ओझा, अरुण सिंह, विद्यानंद दुबे, लालू ओझा, विनोद पांडे, श्याम बाबू, अभिषेक ओझा, संतोष ओझा, आशुतोष पांडे उपस्थित थे l*

निर्मल माणिक/ प्रधान संपादक मोबाइल:- / अशरफी लाल सोनी 9827167176

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Next Post

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी अपने छत्तीसगढ़ प्रवास में बिलासपुर एयरपोर्ट के लिए जमीन वापसी और 500 करोड रुपए अनुदान की घोषणा करें

Sun Oct 26 , 2025
  *छत्तीसगढ़ राज्य का अर्थ केवल रायपुर दुर्ग भिलाई नहीं यह साबित करने का आदर्श मौका *25 सालों में छत्तीसगढ़ का विकास रायपुर के आसपास ही केंद्रित रहा *हवाई सुविधा जन आंदोलन के 6 साल पूरे धरना प्रदर्शन और रैली का आयोजन हुआ बिलासपुर,  26 अक्टूबर ।हवाई सुविधा जन संघर्ष […]

You May Like

Breaking News