
बिलासपुर। निजी दौरे पर बिलासपुर पहुंचे प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने धान खरीदी,शराब दुकान , हजारों स्कूल बंद किए जाने और नक्सली उन्मूलन के मुद्दे पर प्रदेश की साय सरकार पर तीखा हमला करते हुए कहा कि भांजपा के राज में छत्तीसगढ में शाला बंद करने और मधुशाला खोलने का निर्णय चिंतनीय है । श्री बघेल ने कहा कि छत्तीसगढ़ में नक्सलवाद पूरी तरह खत्म हो यह हम भी चाहते है लेकिन बस्तर आ रहे देश के गृह मंत्री अमित शाह को यह भी बताना चाहिए कि बस्तर के युवा बड़ी संख्या में हैदराबाद, वारंगल क्यों पलायन करते जा रहे है? दरअसल बस्तर में निर्दोष आदिवासियों,तेंदूपत्ता की गड्डी बांधने रस्सी लाने गए आदिवासियों के बच्चों को भी नक्सली बताकर उन्हें मारे जाने के कई मामले सामने आए है।

पूर्व मुख्यमंत्री श्री बघेल ने भाजपा नेताओं के इस बयान पर कि शराब बंदी करने हमारी पार्टी ने गंगाजल लेकर कसम नहीं खाई थी, चुनौती देते हुए कहा कि कांग्रेस के किस नेता गंगाजल लेकर शराबबंदी करने कसम खाई थी भाजपा के नेता बताएं और प्रमाण प्रस्तुत करें । भाजपा के नेता झूठ बोलने में माहिर हैं । शिक्षा व्यवस्था पर सवाल उठाते हुए श्री बघेल ने कहा कि 16 जून से प्रदेश में स्कूल खुलने वाले हैं, लेकिन सरकार स्कूल बंद करने और शिक्षकों का युक्तियुक्तकरण करने में लगी है। शिक्षा विभाग में अफरा तफरी मची हुई है। उन्होंने कहा – “यह सरकार शाला बंद कर रही है और मधुशाला खोल रही है।” सोचिए उन लोगों पर क्या बीत रही होगी जिन्होंने स्कूल के लिए जमीन दान की,स्कूल निर्माण के लिए राशि समर्पित की और स्कूल भवन बनवा कर दिए। साय सरकार ऐसे कई स्कूलों को बंद करने जा रही है।
श्री बघेल ने किसानों, आदिवासियों और शिक्षा व्यवस्था से जुड़े कई मुद्दों को लेकर प्रदेश की भाजपा सरकार को घेरा। बघेल ने आरोप लगाया कि धान खरीदी से बचने के लिए किसानों को हतोत्साहित करने की साजिश हो रही है, वहीं शिक्षा विभाग और रोजगार की स्थिति भी लगातार बिगड़ती जा रही है। धान की नीलामी में जानबूझकर देरी की जा रही है, जिससे किसानों को 500 से 600 रुपये प्रति क्विंटल का नुकसान हो रहा है। यह पूरी तरह किसान विरोधी मानसिकता है। यह सरकार आदिवासी विरोधी सरकार है। श्री बघेल ने प्रदेश भर में सायं सायं बिजली कटौती होने को लेकर प्रदेश सरकार की आलोचना की और कहा कि सरकार निर्णय लेने में देर करती है । उन्होंने रोजगार संकट और पलायन जैसे मुद्दों को उठाते हुए कहा कि सरकार लोगों को राहत देने में विफल रही है।
श्री बघेल ने कहा – “बस्तर क्षेत्र में 30 से 40 हजार युवाओं को दूसरे राज्यों में पलायन करना पड़ा है, और वहां दहशत का माहौल है। बघेल ने आरोप लगाया कि महतारी वंदन योजना से 70 हजार नाम काट दिए गए हैं और सरकार आदिवासी युवाओं को जेल भेज रही है। उन्होंने सवाल उठाया कि नक्सली घटनाओं की जानकारी बस्तर में एन आईं ए दफ्तर खोलने के बाद भी मीडिया को क्यों नहीं दी जा रही और झीरम कांड के आरोपियों को जेल भेजने के प्रधानमंत्री के वादे का क्या हुआ। उन्होंने गृह मंत्री विजय शर्मा को अपना बयान बदलने वाला मंत्री बताया।छत्तीसगढ़ भवन में प्रेसवार्ता के दौरान विधायक दिलीप लहरिया,पूर्व विधायक बैजनाथ चंद्राकर,जिला एवं शहर अध्यक्ष विजय केशरवानी,विजय पांडेय,जितेंद्र पांडेय,अभय नारायण राय ,प्रमोद नायक, समीर अहमद बबला ,सीमा पांडेय ,समेत बड़ी संख्या में समर्थक मौजूद थे।
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Sat Jun 14 , 2025
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