बिलासपुर । नगर निगम चुनाव में कल से प्रत्याशियों का नामांकन जमा करने का सिलसिला एड शुरू हो जाएगा । वैसे तो 70 वार्डो के लिए कांग्रेस ,भाजपा में पार्षद पद के लिए सैकड़ों दावेदार है मगर मुख्य चर्चा महापौर प्रत्याशी को लेकर है । कांग्रेस भाजपा दोनों में मंथन चल रहा है और दोनों ही पार्टी के नेता जाति विशेष के दावेदार को प्रत्याशी बनाने के मूड में दिख रहे है ।वैसे तो दोनों ही दल में पिछड़ा वर्ग से कई जाति के दावेदार है लेकिन कांग्रेस भाजपा से यदि एक ही जाति के दावेदार को प्रत्याशी घोषित कर दिया जाता है तो जातिगत वोट विभाजित हो जाएंगे और मुकाबला टक्कर का हो सकता है।
ऐसी स्थिति तब आ सकती है जब भाजपा से श्याम साहू और कांग्रेस से विनोद साहू को उम्मीदवार घोषित कर दिया जाए। वैसे भी राजनीति में सब कुछ संभव है और फिर वर्तमान राजनीति में तो दिल्ली से लेकर रायपुर ,बिलासपुर और पूरे छत्तीसगढ़ में साहू समाज का जलवा ही जलवा है ऐसे में महापौर चुनाव में साहू समाज के दावेदारों को प्रत्याशी घोषित कर दिया जाता है तो कोई आश्चर्य नहीं होगा । नगर निगम चुनाव के लिए आनन फानन में मतदान की तिथि घोषित करने से चुनाव लड़ने वाले प्रत्याशियों को प्रचार के लिए बहुत कम समय मिल पाएगा।खासकर महापौर प्रत्याशियों को ।
नामांकन वापसी के बाद प्रत्याशियों को बमुश्किल 10 से 12 दिन ही मिल पाएगा जिससे वे अधिकाधिक वोटरों के पास रूबरू नहीं जा पाएंगे । प्रत्याशी चयन को लेकर भाजपा ,कांग्रेस में सरगर्मी बढ़ गई है। भाजपा में तो सब व्यवस्थित चल रहा लेकिन कांग्रेस में सिर्फ भीड़ दिखाई दे रहा है । भाजपा के प्रत्याशियों की घोषणा संभव है 25 जनवरी तक या फिर 26जनवरी को घोषित हो जाने की संभावना है लेकिन कांग्रेस में कोई ओर छोर नहीं दिख रहा ।
सरकार और भाजपा ने कांग्रेस नेताओं को बयानबाजी में उलझाकर अपने प्रत्याशियों के लिए तैयारी करवा दी और कांग्रेस हड़बड़ी की स्थिति में है। स्थिति यह है कि कांग्रेस प्रत्याशियों की घोषणा 27 जनवरी तक हो जाए तो बड़ी बात होगी ।
कांग्रेस में पिछड़ा वर्ग के कई नेता महापौर पद के दावेदार है । जिला सहकारी केंद्रीय बैंक के पूर्व अध्यक्ष प्रमोद नायक भी प्रत्याशी बनने के लिए काफी जोर लगा रहे है । बड़ा प्रश्न यह है कि बिलासपुर महापौर का प्रत्याशी किस बड़े नेता के पसंद का होगा ? पूर्व मुख्यमंत्री भूपेश बघेल,नेता प्रतिपक्ष डॉ चरण दास महंत और पूर्व उप मुख्यमंत्री टी एस सिंहदेव तथा प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष दीपक बैज में से किस नेता के पसंद को अहमियत दी जाएगी?,किसी एक नेता के पसंद के दावेदार को प्रत्याशी बनाया जाता है तो बाकी बड़े नेताओं के समर्थक उसके लिए चुनाव में सक्रिय होंगे यह भी ज्वलंत प्रश्न है ।वहीं भाजपा में प्रत्याशी किसके पसंद का होगा यह सब जानते है ।
कुल मिलाकर भाजपा की अपेक्षा कांग्रेस के लिए निगम महापौर का चुनाव कठिन जान पड़ रहा है और फिर वोटिंग भी इस बार EVM से होगा । कांग्रेस के लिए एक और मुसीबत है इस लिहाज से कांग्रेस नेताओं को बूथ मजबूती पर ज्यादा ध्यान केंद्रित करना होगा ।

