बिलासपुर। मस्तूरी विधानसभा क्षेत्र जहां से भाजपा भारी मतों के अंतर से चुनाव हार गई । यहां से ऐसे समय में भाजपा चुनाव हारी जब पूरे प्रदेश में भाजपा की आंधी चल रही थी और इसी आंधी के चलते भाजपा की सत्ता में वापसी हुई । ये हार कैसे हुई और क्यों हुई यह भाजपा के नेता जाने लेकिन सवा साल बाद मस्तूरी क्षेत्र के निर्वाचन क्रमांक एक में जिला पंचायत का चुनाव हुआ तो भाजपा समर्थित प्रत्याशी अरुना चंद्रप्रकाश सूर्या बड़े मतों के अंतर से चुनाव जीत गई। मस्तूरी निर्वाचन क्षेत्र क्रमांक 11 ऐसा क्षेत्र है जहां से भाजपा की स्थिति बेहतर नहीं लेकिन अरुना सूर्या ने अपनी मेहनत ,व्यवहार और सघन तथा सतत संपर्क के लिए मतदाताओं को भाजपा के पक्ष में लाने का काम करते हुए वोटरों को विश्वास में लिया ।यह सब तत्काल संभव नहीं था बल्कि प्रत्याशी अरुना और उनके पति अजा मोर्चा के जिला अध्यक्ष चंद्रप्रकाश सूर्या के वोटरों के साथ सतत और जीवंत संपर्क तथा सबके सुख दुख में शामिल होते रहने का नतीजा है । उनकी जीत से मस्तूरी क्षेत्र में भाजपा का जनाधार काफी बढ़ गया है।

यह सब बताने का आशय यह है कि नया और पहली बार चुनाव लड़ने वाला प्रत्याशी भी पार्टी का जनाधार बढ़ाने के मामले में महत्वपूर्ण हो सकता है। बात जिला पंचायत अध्यक्ष की है । कहा जा रहा कि बिल्हा निर्वाचन क्षेत्र 2 से चुनाव जीतने वाला भाजपा समर्थित प्रत्याशी अनुभवी है और अपनी धर्मपत्नी के साथ वह 4 बार जिला पंचायत सदस्य रह चुका है इस नाते जिला पंचायत अध्यक्ष के लिए वह प्रबल दावेदार है लेकिन भाजपा ने दिल्ली और मध्यप्रदेश में पहली बार विधायक बने नेता को सीधे मुख्यमंत्री बना दिया है।इसलिए भाजपा नेताओं की रणनीति के बारे में कुछ भी नहीं कहा जा सकता । अभी भाजपा नेताओं को महिलाओं के उत्थान के लिए बहुत कुछ करना बाकी है ।जिला पंचायत अध्यक्ष पद पर किसकी ताजपोशी होती है या कोई चमत्कार हो जाए तो? इसलिए जिला पंचायत अध्यक्ष की कुर्सी पर बैठने जिस दिन भाजपा नेता घोषणा करेंगे उस दिन का तब तक इंतजार तो करना ही पड़ेगा। पिछले कुछ वर्षों से भाजपा हर चुनाव में चौंकाने वाला निर्णय लेता है और उसमें वह सफल भी होता आया है क्या पता जिला पंचायत अध्यक्ष को लेकर भी भाजपा नेताओं का फैसला चौंकाने वाला हो ।
निर्मल माणिक/ प्रधान संपादक ,मोबाइल:- 9827167176
Fri Feb 28 , 2025
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