अरपा मैया की महाआरती से गूंजा बिलासपुर: विश्व के सबसे बड़े स्थाई छठ घाट पर रजत जयंती वर्ष का भव्य आयोजन, 2100 दीपों से जगमगाई नदी

बिलासपुर। इतिहास साक्षी है कि सभी सभ्यताएँ सदैव नदियों के तटों पर पनपी हैं। बिलासपुर की जीवनरेखा अरपा नदी भी इसी परंपरा की प्रतीक है। किंतु दुर्भाग्य यह है कि जिस प्रकार गंगा, यमुना, नर्मदा और गोदावरी जैसी नदियों को पवित्रता और सम्मान प्राप्त है, उसी प्रकार का आदर अरपा मैया को अब तक नहीं मिल पाया है। इसी संवेदना को जीवित रखने और नदी की पवित्रता को पुनः स्थापित करने के उद्देश्य से छठ पूजा आयोजन समिति द्वारा विगत 13 वर्षों से अरपा नदी तट पर सामूहिक महाआरती का आयोजन किया जा रहा है। यह परंपरा छठ महापर्व के प्रथम दिन “नहाए-खाए” के अवसर पर की जाती है।

इस वर्ष भी लोक आस्था के महान पर्व छठ का आरंभ शनिवार से हुआ। पर्व के पहले दिन तोरवा स्थित विश्व के सबसे बड़े स्थाई छठ घाट को दीपों, फूलों और झालरों से भव्य रूप से सजाया गया। छठ पर्व की पवित्रता और स्वच्छता को ध्यान में रखते हुए घाट की संपूर्ण सफाई की गई और श्रद्धालुओं के लिए विशेष व्यवस्था की गई।

आयोजन के मुख्य अतिथि बरम बाबा मंदिर प्रमुख श्री श्री 1008 प्रेम दास जी महाराज रहे। इस अवसर पर विधायक धरमलाल कौशिक, धर्मजीत सिंह, दिलीप लहरिया, गोरखपुर के पूर्व सांसद इंजीनियर प्रवीण कुमार निषाद, विजय केसरवानी, महेश चंद्रिकापुरे, स्मृति जैन, संजय सूर्यवंशी, प्रमोद नायक, महेश दुबे, राजेंद्र शुक्ला, मनीष अग्रवाल, शैलेंद्र जायसवाल, अजय यादव, जय वाधवानी, ध्रुव कोरी, बी.पी. सिंह, किरण सिंह, एम.पी. शर्मा सहित अनेक गणमान्य नागरिक उपस्थित रहे।

सभी अतिथियों ने छठ महापर्व और अरपा आरती की भव्यता की सराहना की। वक्ताओं ने कहा कि छठ पर्व की यह गरिमा अब छत्तीसगढ़ की सांस्कृतिक पहचान बन चुकी है। गोरखपुर के पूर्व सांसद इंजीनियर प्रवीण निषाद ने कहा कि उन्होंने देशभर में अनेक छठ आयोजन देखे हैं, परंतु बिलासपुर जैसा विशाल, स्वच्छ और भावनाओं से ओतप्रोत छठ घाट कहीं नहीं देखा। उन्होंने कहा कि वे बार-बार यहां लौटकर आना चाहेंगे।

संध्या आरती के समय पूरा वातावरण आध्यात्मिकता से भर उठा। प्रसिद्ध गायक अंचल शर्मा के मधुर स्वर में जब अरपा आरती गूंजी तो घाट पर उपस्थित हजारों श्रद्धालुओं ने एक स्वर में “अरपा मैया की जय” के उद्घोष से आकाश गुंजा दिया। विशालकाय दीपों से अतिथियों और श्रद्धालुओं ने आरती करते हुए अरपा नदी की पवित्रता बनाए रखने का संकल्प लिया।

विधायक धरमलाल कौशिक ने कहा कि वे इस आरती के प्रारंभ से ही साक्षी रहे हैं और यह देखकर प्रसन्नता होती है कि आज यह आयोजन पूरे प्रदेश में पहचान बना चुका है। उन्होंने कहा कि इस सामूहिक प्रयास से अरपा नदी की स्वच्छता और पवित्रता लगातार बढ़ रही है।

इस अवसर पर परंपरा अनुसार दीपदान भी किया गया। इस वर्ष 2100 दीपों को नदी में प्रवाहित किया गया। इन दीपों की झिलमिलाहट से पूरी अरपा नदी स्वर्णिम आभा से जगमगा उठी। श्रद्धालुओं ने दीप प्रवाहित करते हुए अपने परिवार की सुख-समृद्धि की कामना की। उपस्थित लोगों ने बताया कि इस क्षण में उन्हें अद्भुत शांति और आध्यात्मिक आनंद की अनुभूति हुई।

करीब 7 एकड़ क्षेत्रफल में फैले और लगभग 1 किलोमीटर लंबे इस स्थाई घाट की पहचान आज विश्व के सबसे बड़े स्थाई छठ घाट के रूप में स्थापित है। यहां पिछले 25 वर्षों से लगातार छठ महापर्व का सफल आयोजन किया जा रहा है। बिलासपुर में भी छठ का उत्सव बिहार और उत्तर प्रदेश की तरह ही पूरे उत्साह, आस्था और भव्यता के साथ मनाया जाता है।

आयोजन समिति के संयोजक डॉ. धर्मेंद्र कुमार दास ने बताया कि छठ महापर्व का संध्या अर्घ्य 27 अक्टूबर और उषा अर्घ्य 28 अक्टूबर को अर्पित किया जाएगा। इस दौरान 60 हजार से अधिक श्रद्धालुओं के जुटने की संभावना है। घाट परिसर में भव्य मेले का आयोजन भी किया गया है, जिसे देखने के लिए दूर-दूर से लोग पहुंच रहे हैं।

इस वर्ष आयोजन का रजत जयंती वर्ष होने के कारण इसे विशेष रूप से भव्य रूप दिया गया है। आयोजन को सफल बनाने में डॉ. धर्मेंद्र कुमार दास, प्रवीण झा, अभय नारायण राय, सुधीर झा, बी.एन. ओझा, एस.पी. सिंह, बी. झा, एस.के. सिंह, एस.पी.एस. चौहान, बृजेश सिंह, गणेश गिरी, रोशन सिंह, आर.पी. सिंह, हरिशंकर कुशवाहा, धनंजय झा, डॉ. कुमुद रंजन सिंह, पी.सी. झा, रामसखा चौधरी, सतीश सिंह, राम गोस्वामी, शशि नारायण मिश्रा, चंदन सिंह, विनोद सिंह, धीरज झा, मुन्ना सिंह, लव ओझा, ए.के. कंठ सहित समिति के सभी सदस्यों का महत्वपूर्ण योगदान रहा।

आयोजन समिति के पदाधिकारियों ने बताया कि अरपा मैया की यह महाआरती न केवल धार्मिक आस्था का प्रतीक है, बल्कि समाज को स्वच्छता, पर्यावरण संरक्षण और नदी की पवित्रता के प्रति जागरूक करने का भी माध्यम बन चुकी है।

सचमुच, जब 2100 दीपों की टिमटिमाती रोशनी ने अरपा के जल को आलोकित किया, तो ऐसा प्रतीत हुआ मानो पूरी नदी स्वयं श्रद्धालुओं के आशीर्वाद से जीवंत हो उठी हो।

निर्मल माणिक/ प्रधान संपादक मोबाइल:- / अशरफी लाल सोनी 9827167176

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Next Post

छठ पूजा समिति सहित छठ माता के भक्तों ने एशिया के सबसे बड़े स्थाई छठ घाट पर किया श्रमदान

Sun Oct 26 , 2025
  *रविवार को खरना पूजा के साथ शुरू हुआ 36 घंटे का निर्जला व्रत* *बिलासपुर के तोरवा स्थित अरपा नदी पर बना एशिया का सबसे लंबा स्थाई छठ घाट पर श्रमदान करने के लिए सुबह 7 बजे स्वयंसेवकों की उमड़ी भीड़* *बिलासपुर। संस्कारधानी बिलासपुर में सूर्य उपासना का सबसे बडा […]

You May Like

Breaking News