बिलासपुर। पिछले डेढ़ दशक में देश में बहुत कुछ बदलाव आया है। सरकार द्वारा जनता से ज्यादा से ज्यादा टैक्स वसूलने कई प्रकार के नए नए मद ईजाद किया जा चुका है लेकिन जनता को खुद निर्णय लेने कोई अधिकार नहीं दिया जा रहा। इस बारे में सोशल मीडिया में तरह तरह की प्रतिक्रिया सुनने और पढ़ने को लगातार मिलते रहता है। आज आम नागरिकों को अपने वाजिब अधिकार के लिए आखिर क्यों सोशल मीडिया का सहारा लेना पड़ रहा है ? कुछ दिन पहले एक जागरूक नागरिक ने फेस बुक पर लिखा था कि सरकार गाड़ियों की आयु तय कर रही है, कल आपके घर में फ्रिज, एसी और कंप्यूटर की आयु तय करेंगे। सब बिके हुए लोग हैं जो अकारण ही, विज्ञान और शोध का हवाला दे कर, गाड़ी का प्रदूषण चेक कर के कार्य करने की जगह कार की आयु तय कर रहे हैं।
सडक और पुल की आयु चेक नहीं करते? जो बनते ही छेद हो जा रही है? बिजली दस बार कटेगी दिन में. ताकि इनवर्टर और बैटरी वालों का उद्योग बढ़ता रहे। हमें यह क्यों जानने का अधिकार नहीं है कि एक माह में 30 दिन के भीतर कितनी बार बिजली बंद हुई और कितनी यूनिट खपत की बचत हुई और इस बंद हुई बिजली से कितनी यूनिट का हमे आर्थिक रूप से लाभ हुआ?
सोशल मीडिया में यह भी आशंका जताया जाने लगा है कि कुछ दिन में सरकार कहीं लोगों को फाँसी न देने लगे कि आप औसत आयु से अधिक दिन जीवित रह कर संसाधनों पर दवाब बना रहे है। अब जरा उज्ज्वल पाटनी इस बारे में क्या महत्वपूर्ण बातें कह रहे है वह भी जरूर सुनें,देखें वीडियो:::
निर्मल माणिक/ प्रधान संपादक ,मोबाइल:- 9827167176
Tue Jul 8 , 2025
रायपुर/छत्तीसगढ़ साहित्य एवं संस्कृति संस्थान, प्रेस क्लब रायपुर और नारी का संबल पत्रिका के संयुक्त तत्वावधान में पत्रकारिता और साहित्य के पुरोधा पं स्वराज्य प्रसाद त्रिवेदी जयंती एवं समीक्षा गोष्ठी, छत्तीसगढ के विकास में पत्रकारिता का योगदान विषय पर एक दिवसीय गोष्ठी का आयेजन गत दिवस किया गया। समारोह के […]