धर्मांतरण को लेकर की जा रही कार्रवाई के संबंध में सर्वदलीय मंच ने राष्ट्रपति के नाम कलेक्टर को सौंपा ज्ञापन

बिलासपुर। सर्वदलीय मंच ने धर्मांतरण के नाम पर जो कुछ हो रहा उसको लेकर राष्ट्र पति के नाम कलेक्टर को ज्ञापन सौंपा ।

ज्ञापन में कहा गया है कि   भारत एक लोकतात्रिक गणराज्य है अर्थात् जनता द्वारा शासित लोक कल्याणकारी राज्य । यह कि शासन संविधान में निहित जनता के मौलिक नागरिक अधिकारों से संचालित है प्रत्येक नागरिक को अपनी आस्था के अनुसार जीवन जीने-चलने का अधिकार संविधान देता है परन्तु आस्था के नाम पर वैमनस्य फैलाना अपराध है।

 

शासन निश्चय ही न्याय की अवधारणा पर चलता है। पूर्वाग्रह से प्रेरित किसी व्यक्ति या संस्था व संगठन के द्वारा किसी के खिलाफ शिकायत की गहराई जांच किये बिना गिरफ्तारी किया जाना संविधान का उल्लघंन है ।यह जनता की बात है कि पिछले कुछ समय से आर.एस.एस. व बजरंग दल छत्तीसगढ़ अल्पसंख्यक समुदायों के विरूद्ध मिथ्या शिकायत कर उनके साथ मारपीट कर हमला कर रहे है और प्रशासन मौन बना रहता है। विगत् दिनों 2 ननो व 3 आदिवासी युवतियों पर बजरंग दल के झूठे शिकायत पर बिना गहन जांच किये। दुर्ग में पुलिस द्वारा उन्हें जेल भेजना इसका उदाहरण है। इस घटना से पूरे देश में छत्तीसगढ़ की भारी बदनामी हुई है।

हमारा छत्तीसगढ़ हमेंशा से भाईचारा और समावेशी संस्कृति का गण एवं शांत प्रदेश रहा है। लेकिन शासन के संरक्षण में सांप्रदायिक विद्वेश पैदा कर अराजकता पैदा करने की कोशिश हो रही हे जो सभ्य नागरिक समाज के लिए चिंताजनक है।

शिक्षा, रोजगार, स्वास्थ्य सुविधाएं छीनने वाली छ.ग. सरकार अपने विफलता को छिपाने सामाजिक विभाजन व वैमन्सय पैदा कर रही है। हम सजग नागरिक इसके खिलाफ एकजुट है। भारत के संविधान प्रदत्ति अधिकारों की रक्षा व आपसी भाईचारे बनाने के लिए प्रशासन हस्तक्षेप करें हमारी यह मांग है।

सर्वदलीय मंच हॉल ही में शुरू हुए इस प्रवृत्ति से भी चिंतित है कि किसी भी बांग्लाभाशी व्यक्ति को बांग्लादेशी बताकर उसे बिना किसी जांच व आधार पर केवल भाया के आधार पर निशाना बनाया जा रहा है इससे भी सामाजिक ताने-बाने एवं राष्ट्रीय एकता को गंभीर नुकसान पहुंच रहा है।

अतः यह मंच आपसे मांग करता है कि

1. घर में या आस्था के नाम पर किसी भी धर्म या समुदाय पर आधारहीन आरोप लगाकर जिस तरह का हमला आर.एस.एस. व बजरंग दल द्वारा कानून को अपने हाथ में लेकर किया जा रहा है उस पर तत्त्काल रोक लगाई जाये ।

2. किसी भी आरोप पर संपूर्ण व गहन जांच उपरांत ही एफ.आई.आर. दर्ज कर गिरफ्तारी किया जावें। 15-20 लोगों के भीड़ की दबाव डालने पर एफ.आई.आर. दर्ज किया जाना मान्य संवैधानिक सिद्धांतों का उल्लघंन है, उस पर रोक लगाई जाये।

3. केवल बांग्ला भाषा बोलने पर ही किसी व्यक्ति को बांग्लादेशी घोषित करने व हमला करने की प्रवृत्ति पर रोक लगाते हुए आम नागरिकों की सुरक्षा की जाये।l: 4. प्रत्येक नागरिक की सुरक्षा करना शासन व प्रशासन व पुलिस का दायित्व है अतः उसी के अनुरूप देश के रागस्त नागरिकों के मौलिक अधिकारों की रक्षा करने की भारत सरकार अपने दायित्वों का निर्वहन करें ऐसा निर्देश ऐसा निर्देश भारत शासन को जारी करने की कृपा हो।। ज्ञापन देते समय सर्वश्री नंद कश्यप रवि बनर्जी शौकत अली अभय नारायण राय सुखउ निषाद लल्लन राम पवन शर्मा,मसीह प्रकाश ,सपना कुर्रे ,संदीप प्रकाश एवं एडवर्ड मसीह आदि साथी उपस्थित थे।

निर्मल माणिक/ प्रधान संपादक मोबाइल:- / अशरफी लाल सोनी 9827167176

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