*गौरेला के ज्योतिपुर चौराहा में छग के प्रथम मुख्यमंत्री स्व अजीत जोगी की मूर्ति अनावरण करने का विवाद थमने का नाम नहीं ले रहा
ऐसी गंदी राजनीति भी किस काम की? निजी जमीन पर स्व.जोगी की प्रतिमा लगाने कौन डाल रहा अड़ंगा?
छत्तीसगढ़ के प्रथम मुख्यमंत्री रहे स्वर्गीय अजीत जोगी की मूर्ति चोरी के बाद उपजा विवाद अब सड़कों पर उतर चुका है। मूर्ति चोरी के एक महीने बाद भी प्रशासनिक कार्रवाई न होने से नाराज़ जनता कांग्रेस (जोगी) के प्रमुख अमित जोगी ने आज पेंड्रारोड के ज्योतिपुर चौराहे पर हजारों समर्थकों के साथ धरना प्रदर्शन किया। स्थिति उस समय तनावपूर्ण हो गई जब अमित जोगी ने प्रतिमा स्थल पर पहुंचकर मूर्ति का स्वतः अनावरण कर माल्यार्पण कर दिया।
पुलिस ने इसे प्रतिबंधात्मक आदेशों का उल्लंघन मानते हुए अमित जोगी समेत 1172 समर्थकों को हिरासत में ले लिया, जिन्हें लाल बंगला मैदान स्थित अस्थायी जेल में रखा गया और बाद में जमानत पर रिहा कर दिया गया।
उल्लेखनीय है कि 25 मई 2025 की रात को अज्ञात तत्वों ने स्व अजीत जोगी की प्रतिमा को अनाधिकृत रूप से उखाड़कर नगर पालिका गौरेला के कचरा स्थल में फेंक दिया था। इस घटना के बाद से जोगी परिवार और उनके समर्थक आक्रोशित थे। उन्होंने प्रशासन को 30 दिन का अल्टीमेटम देते हुए मूर्ति की सम्मानजनक पुनः स्थापना की मांग की थी।अमित जोगी ने प्रशासन को यह भी जानकारी दी थी कि मूर्ति स्थापना के लिए चयनित स्थल उनकी निजी स्वामित्व वाली भूमि है, जिसके सभी दस्तावेज प्रशासन को सौंपे जा चुके हैं। बावजूद इसके, एक महीने बाद भी न तो मूर्ति की पुनः स्थापना की गई और न ही चोरी करने वालों पर कोई ककार्रवाई की गई।
बुधवार को सुबह से ही ज्योतिपुर तिराहा पर भारी भीड़ जुटनी शुरू हो गई थी। जोगी कांग्रेस के कार्यकर्ताओं के साथ-साथ कांग्रेस नेता, महिलाएं, ग्रामीण और आदिवासी संगठन बड़ी संख्या में धरना स्थल पर उपस्थित रहे। मंच से वक्ताओं ने प्रशासन पर तंज कसते हुए अजीत जोगी के अपमान का विरोध किया और मूर्ति की तत्काल पुनः स्थापना की मांग दोहराई।
अमित जोगी ने मंच से घोषणा की कि आज ही मूर्ति की स्थापना की जाएगी। उन्होंने कहा— “अगर अजीत जोगी की प्रतिमा उनके ही गांव में, उनकी अपनी भूमि पर नहीं लगेगी, तो फिर कहां लगेगी? यदि आवश्यकता पड़ी तो हम डॉक्टर भीमराव अंबेडकर की प्रतिमा स्थल, नागपुर जाकर आशीर्वाद लेंगे और न्यायालय की शरण में जाकर न्याय की मांग करेंगे।”इसके बाद उन्होंने स्वयं प्रतिमा से पर्दा हटाकर अनावरण किया और माल्यार्पण किया, जिससे माहौल पूरी तरह गरमा गया।
पुलिस प्रशासन पहले से अलर्ट था। प्रतिमा स्थल पर पहुंचते ही पुलिस ने उन्हें रोका और हिरासत में लिया। अमित जोगी के अलावा, कांग्रेस, जोगी कांग्रेस और अन्य संगठनों के 1172 लोगों को हिरासत में लिया गया। सभी को पास के लाल बंगला मैदान में अस्थायी जेल में रखा गया और बाद में रिहा कर दिया गया।
प्रदर्शन के दौरान एक हाइड्रा मशीन और गुदुम बाजा पार्टी भी स्थल पर मौजूद रही। बताया गया कि यह वही हाइड्रा मशीन है, जिसका उपयोग अजीत जोगी की प्रतिमा को चोरी करने के लिए किया गया था। गुदुम बाजा का उद्देश्य प्रशासन का ध्यान आकर्षित करना था।
इस धरने को कांग्रेस पार्टी ने खुला समर्थन दिया। कई वरिष्ठ नेता, पंचायत सदस्य, पार्षद, महिला कार्यकर्ता और आदिवासी समाज के प्रतिनिधि प्रदर्शन में मौजूद रहे। उपस्थित प्रमुख लोगों में शामिल हैं:मरवाही के पूर्व विधायक के के ध्रुव जिला कांग्रेस अध्यक्ष उत्तम वासुदेव,पूर्व अध्यक्ष मनोज गुप्ता विधायक प्रतिनिधि पंकज तिवारी अशोक शर्मा, जिला पंचायत सदस्य,बूंद कुंवर मॉस्को सांसद प्रतिनिधि राकेश मसीह गुलाब सिंह राज, मुद्रिका सिंह,शुभम पेड्रो, नीलेश साहू, आयुष सोनी,सरदार इकबाल सिंह, पवन सुल्तानिया राकेश तिवारी खोगसरा, उदय गुप्ता, मदन सोनी, राजेंद्र ताम्रकार, आमिर अहमद ,विशाल वाकरे, विनय चौबे, दया वाकरे आदिवासी नेता ,सुखदेव ग्रेवाल, वीरेंद्र सिंह बघेल, रामशंकर राय,ताहिर इराक़ी, इदरीश अंसारी, अमोल पाठक,ओमप्रकाश अग्रवाल, संजीव अग्रवाल, अजय जायसवाल और अन्य धरने में प्रदेश के विभिन्न जिलों जैसे बस्तर, डोंगरगांव, लोरमी, बिलासपुर, चिरमिरी से भी भारी संख्या में जोगी समर्थक पहुंचे थे। महिलाओं की उपस्थिति विशेष रूप से रही। धरना स्थल के समक्ष प्रशासन ने पुलिस के साथ मिलकर सुरक्षा की चाक चौबंद व्यवस्था की थी। अतिरिक्त बल बुलाए गए थे। कानून व्यवस्था की स्थिति से निपटने के लिए मौके पर अनुविभागीय अधिकारी राजस्व रिचा चंद्राकर अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक ओम चंदेल अनुविभागीय अधिकारी पुलिस दीपक मिश्रा, गौरेला थाना प्रभारी अंजना केरकेट्टा,पेंड्रा सेंगर, निरीक्षक सौरभ सिंह साहित्यकार पुलिस बल तैनात थे जो पूरे समय सुरक्षा व्यवस्था व देख रहे थे।। फिलहाल मामला अभी सुलझा नहीं है बल्कि गिरफ्तारी से और पेचीदा हो गया है।

