
बिलासपुर ।प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी रविवार को बिलासपुर जिले के बिल्हा विधानसभा क्षेत्र अंतर्गत मोहभट्टा में आए और एक घंटे रुक कर चले गए ।उन्होंने 33 ,700 करोड़ की विभिन्न योजनाओं की आधारशिला रखे ।चुनावी वक्त के लिए अभी साढ़े तीन साल इंतजार करना है इसीलिए लोगों में चर्चा रही कि श्री मोदी का यह दौरा समझ से परे है लेकिन ऐसा सोचने वालों को यह जानकर संतोष कर लेना चाहिए कि श्री मोदी उन प्रस्तावित केंद्रीय योजनाओं को अमलीजामा पहनाने आए थे जो आगामी वर्षों में पूर्ण होने वाला है । यह अलग बात है कि कार्यक्रम के लिए उन्होंने बिलासपुर के बिल्हा विधानसभा का चयन किया और यह भी अलग बात है कि श्री मोदी ने अपने संबोधन में बिल्हा का नाम तक नहीं लिया।
श्री मोदी की यात्रा से किस नेता का कद बढ़ा और किसकी उपेक्षा हुई इस बात का लोग अपनी अपनी सुविधा से आंकलन करने में लग गए है । यदि वास्तव में किसी नेता का राजनैतिक कद बढ़ा है तो यह तभी माना जाएगा जब उस नेता को साय मंत्रिमंडल में जगह मिल जाए । पहले तो मंत्री मंडल का विस्तार ही संदिग्ध हो चला है । कुल जमा 2 मंत्री पद के लिए आधा दर्जन विधायक बाट जोह रहे है। यदि श्री मोदी अपने प्रवास से किसी स्थानीय नेता से प्रभावित हुए हों तो उसको इनाम भी मिलना चाहिए। कल श्री मोदी का भाषण जिन्होंने भी गंभीरता के साथ सुना है उनको यह जरूर अटपटा लगा होगा कि श्री मोदी के बोलने में अब वो धार नहीं है जो चुनावो के वक्त दिखता रहा है। विरोधी दल की आलोचना और खिंचाई करने में श्री मोदी ने इस बार पता नहीं क्यों कंजूसी की है । छत्तीसगढ़ में भाजपा की सरकार बनने के बाद कांग्रेस के कई नेता ,विधायक ,पूर्व मंत्री,पूर्व मुख्यमंत्री ,पदाधिकारी के खिलाफ कार्रवाई हुई है लेकिन श्री मोदी ने अपने भाषण में किसी का भी जिक्र नहीं किया । लोगो को आश्चर्य हुआ। नहीं तो इसके पहले कांग्रेस नेताओं को घेरने में श्री मोदी चूकते नहीं थे । नक्सल समस्या पर भी उन्होंने कोई खास नहीं कहा सिवाय इसके कि कांग्रेस की नीतियों के कारण कई राज्यों में नक्सल समस्या बढ़ी है। छत्तीसगढ़ में नक्सल विरोधी लगातार बड़ी कार्रवाई और सैकड़ों इनामी नक्सलियों को मार गिराने के बाद भी श्री मोदी ने न तो इसका उल्लेख किया और न हीं मुख्यमंत्री की प्रशंसा की जबकि एक दिन पहले ही डेढ़ दर्जन नक्सलियों को मार गिराने और इतनी ही संख्या में कुख्यात नक्सलियों के सरेंडर करने की घटना हुई । पता नहीं क्यों प्रधानमंत्री ने छत्तीसगढ़ में नक्सलियों पर ताबड़तोड़ कार्रवाई का कोई उल्लेख अपने भाषण में नहीं किया । हो सकता है इसके पीछे उनकी कोई रणनीति हो लेकिन इस बार उनके भाषण पर बहुत कुछ सोचने को लोग मजबूर हो गए है। प्रधानमंत्री,राष्ट्रपति और केंदीय गृह मंत्री का छग दौरा यूं ही नहीं हो रहा । इसके पीछे कुछ न कुछ उद्देश्य जरूर हो सकता है।
श्री मोदी ने केंद्र सरकार की योजनाओं का जमकर बखान किया लेकिन कांग्रेस के केंद्रीय नेताओं का भी उन्होंने कोई उल्लेख नहीं किया । सभा समाप्ति के बाद लोगों की यह प्रतिक्रिया रही कि शायद प्रधानमंत्री ने अपने भाषण का ट्रेंड बदल दिया हो और अब विपक्ष की चर्चा के बजाय अपने कार्यों को ज्यादा हाईलाइट किया जाए।
श्री मोदी की सभा होने का भाजपा के तमाम नेता इंतजार कर रहे थे । वे नेता भी प्रतीक्षा कर रहे थे जो मंत्री बनने की दौड़ में शामिल है। श्री मोदी चले गए ।अब तो सारे चुनाव भी निपट गए । अब तो मंत्रिमंडल के विस्तार में कोई बाधा नहीं आनी चाहिए और न ही कोई विलंब होना चाहिए। विधानसभा का सत्र भी नहीं है अब तो कोई बहाना भी नहीं बचा ।
बिलासपुर में हवाई सेवा बढ़ाने को लेकर चल रहे आंदोलन और आंदोलनकारियों की मांग पर पी एम द्वारा कोई उल्लेख या घोषणा नहीं करने को लेकर भी निराशा का माहौल है । ऐसे में आंदोलनकारियों में हताशा है। उधर राजधानी रायपुर को हवाई सेवा मामले में और भी अनेकों सुविधाएं दिए जाने की घोषणा की गई है।
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Thu Apr 3 , 2025
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