रक्षा मंत्रालय ने 290 एकड़ जमीन के बदले 50 करोड रुपए की मांग राज्य सरकार से की 

 

 

*रक्षा मंत्रालय ने 24 करोड रुपए जमीन अधिग्रहण की लागत और 26 करोड रुपए 12 साल का ब्याज मांगा

*इस सहमति के बावजूद अब तक राज्य सरकार ने 50 करोड रुपए देने को हां नहीं कहा है

बिलासपुर । हवाई सुविधा जन संघर्ष समिति ने बिलासपुर एयरपोर्ट के विस्तार के लिए आवश्यक 290 एकड़ जमीन के हस्तांतरण में हो रहे विलंब पर राज्य सरकार की धीमी गति पर सवाल उठाए हैं। समिति ने ब्यौरा देते हुए बताया की सितंबर माह में ही केंद्र के रक्षा सचिव और राज्य के मुख्य सचिव के बीच हुई बैठक में इस बात पर सहमति बन गई थी कि रक्षा मंत्रालय मार्केट रेट पर पैसे की मांग नहीं करेगा बल्कि जमीन अधिग्रहण में जितनी लागत आई है वह लागत और उस पर आज तक सामान्य ब्याज की गणना करके जो भी रकम आएगी उतने रकम की ही मांग करेगा। गौर तलब है कि पहले रक्षा मंत्रालय ने 290 एकड़ जमीन के बदले लगभग 72 करोड रुपए की मांग की थी। हाई कोर्ट के दखल के बाद रक्षा सचिव और मुख्य सचिव की जो संयुक्त बैठक हुई उसमें इस रकम को कम करने पर सहमति बन गई थी और फॉर्मूला भी तय हो गया था।

हवाई सुविधा जन संघर्ष समिति ने बताया कि 3 नवंबर 2025 को रक्षा मंत्रालय के द्वारा कलेक्टर बिलासपुर और राजस्व सचिव छत्तीसगढ़ को भेजे गए पत्र में 290 एकड़ जमीन के बदले 50 करोड रुपए की मांग की गई है इसमें 24 करोड रुपए जमीन अधिग्रहण की लागत और 26 करोड रुपए 2013 से 2025 तक 12 साल का 9% वार्षिक की दर से सामान्य ब्याज है। रक्षा मंत्रालय ने उक्त ब्याज दर रिजर्व बैंक ऑफ़ इंडिया के सर्कुलर के आधार पर तय की है। अर्थात जिस जमीन के लिए पहले 72 करोड रुपए की मांग रक्षा मंत्रालय कर रहा था वह अब 50 करोड रुपए में उपलब्ध है। हालांकि उक्त पत्र के आने के लगभग 3 सप्ताह बीत जाने के बाद भी अब तक ना तो कलेक्टर बिलासपुर और ना ही राज्य सरकार के द्वारा इस पर कोई सहमति व्यक्त की गई है।

हवाई सुविधा जन संघर्ष समिति ने कहा कि बिलासपुर जैसे महत्वपूर्ण शहर के एयरपोर्ट के रनवे विस्तार के लिए 50 करोड़ जैसी रकम बहुत ही कम है। यह देखते हुए की अरपा नदी के किनारे स्मार्ट सिटी द्वारा बनाई गई सड़क की लागत ही 100 करोड़ से ऊपर है और पूरे छत्तीसगढ़ में राज्य सरकार के द्वारा बहुत सारे विकास कार्य सैकड़ो और हजारों करोड रुपए की लागत से स्वीकृत किए जा रहे हैं ऐसे में बिलासपुर एयरपोर्ट के लिए केवल 50 करोड रुपए की घोषणा न होना अत्यंत ही खेद जनक है।

हवाई सुविधा जन संघर्ष समिति ने राज्य सरकार से मांग की कि वह न केवल एयरपोर्ट के लिए जमीन वापसी का 50 करोड रुपए तुरंत स्वीकृत करें बल्कि 4 सी एयरपोर्ट बनाने के लिए आवश्यक लगभग 400 से 500 करोड रुपए के प्रोजेक्ट को भी मंजूरी दे। समिति ने कहा कि यह 500 करोड रुपए की राशि कोई एक साल में खर्च नहीं होनी है क्योंकि एयरपोर्ट को बनाने में लगभग 3 साल का समय लगेगा अतः प्रत्येक साल बजट में १५० से १७५ करोड रुपए की राशि भी अगर दी जाएगी तो बिलासपुर का एयरपोर्ट 4सी श्रेणी में तब्दील हो जाएगा और बोइंग और एयर बस जैसे बड़े विमान यहां उतर सकेंगे।

हवाई सुविधा जन संघर्ष समिति का महा धरना आज भी जारी रहा। आज रवि बनर्जी, अनिल गुलहरे ,बद्री यादव, नारद श्रीवास ,प्रतीक तिवारी, केशव गोरख ,कमल सिंह ठाकुर ,डॉ प्रदीप राही ,रामशरण यादव ,हर प्रसाद केवट, गौतम, रणजीत सिंह खनूजा, शेख अल्फाज, देवेंद्र सिंह ठाकुर, समीर अहमद बबला, अशोक भंडारी, मनोज तिवारी, चित्रकांत श्रीवास ,दीपक कश्यप ,चंद्र प्रकाश जायसवाल, महेश दुबे टाटा, जसवीर सिंह चावला ,अनिल कुमार ,आशुतोष शर्मा ,प्रकाश बहरानी ,अमर बजाज ,शैलेश पाठक ,अखिल अली ,मोहसिन अली और सुदीप श्रीवास्तव शामिल थे।

 

निर्मल माणिक/ प्रधान संपादक मोबाइल:- / अशरफी लाल सोनी 9827167176

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Next Post

मध्य प्रदेश और गोंडवाना के जनजाति गौरव रानी दुर्गावती पर सर्वप्रथम पी-एच.डी.  जगत बहादुर सिंह ने किया था ,जानें कौन कौन ने और किया था पीएचडी

Sat Nov 22 , 2025
, छत्तीसगढ़ में राष्ट्रीय आदिवासी आंदोलन विषय पर प्रथम पी-एच.डी. बसुबंधु दीवान से :- आचार्य रमेंद्र नाथ मिश्र मध्य प्रदेश और गोंडवाना के जनजाति गौरव रानी दुर्गावती पर सर्वप्रथम पी-एच.डी.  जगत बहादुर सिंह ने किया था सन 1857 की क्रांति के शहीद क्रांतिवीर वीर नारायण सिंह पर सर्वप्रथम पी-एच.डी. डॉ. […]

You May Like

Breaking News