बिलासपुर । भाजपा के मेयर प्रत्याशी को भाजपा कार्यकर्ताओं द्वारा बधाई और शुभकामनाएं देने का सिलसिला शुरू हो गया है। कांग्रेस की ओर से प्रत्याशी का नाम आधिकारिक तौर पर घोषित नहीं किया जा सका है लेकिन जिला सहकारी बैंक बिलासपुर के पूर्व अध्यक्ष प्रमोद नायक ने चुनाव की तैयारी शुरू कर दी है ।
चुनाव के मुद्दे स्थानीय होने से मतदाता प्रत्याशियों का आंकलन तो जरूर करेंगे लेकिन भाजपा ने 10 में 5 नगर निगमों में महिला मेयर प्रत्याशी देकर महतारी वंदन योजना का लाभ लेने वाली महिलाओं का वोट भाजपा के पक्ष में लेने की पूरी तैयारी कर ली है । देखें: मेयर प्रत्याशियों के नाम:
इसके लिए हर जिला मुख्यालयों में महतारी वंदन के नाम से कार्यक्रम और बैठक कर लाभार्थी महिलाओं का सम्मान भी कराया जा चुका है। प्रदेश की आधी आबादी यानि महिलाओं का वोट निगम चुनाव में भाजपा के पक्ष में जाता है कि नहीं यह चुनाव परिणाम आने के बाद पता लगेगा लेकिन अनुशासन वाली पार्टी कहलाने वाली भाजपा में ऐसा पहली बार हुआ है कि पार्टी के कार्यकर्ता और कई कई बार के पार्षद रहने वाले नेता खुलकर सामने आकर मेयर और पार्षद पद के लिए दावेदारी की है हालांकि पहले यह सब दावेदारी की बात पार्टी के भीतर रहती थी लेकिन इस बार पार्टी लाइन और सिद्धांतों से बाहर निकलकर दावेदारों ने न केवल खुलकर दावेदारी की बल्कि अपनी दावेदारी को सार्वजनिक भी किया जिसके चलते पार्टी संगठन के नेताओं को खूब माथापच्ची करनी पड़ी है यहां तक कि मेयर के दावेदारों के वार्ड में प्रत्याशी चयन को होल्ड करके रखना पड़ा और मेयर प्रत्याशी की घोषणा के कुछ घंटे बाद ही उन दावेदारों को उनके पुराने वार्ड से पार्षद प्रत्याशी घोषित किया गया । बिलासपुर नगर निगम के पार्षद और मेयर प्रत्याशी की टिकट किसे देना है इस प्रश्न पर कई दिनों से चर्चा का बाजार गर्म रहा लेकिन पूर्व मंत्री और बिलासपुर विधायक अमर अग्रवाल की ही चलनी थी इसलिए श्री अग्रवाल ने तमाम अपने लोगों को प्रत्याशी बनवा कर यह दिखा दिया कि पार्टी में अभी भी उनकी ही चल रही है और वे जिसे टिकट दिलाना चाहेंगे उसे टिकट मिलेगी ही । वैसे भी 70 वार्डो में सर्वाधिक 38 वार्ड अमर अग्रवाल के विधानसभा में आता है इसलिए पार्टी को अमर अग्रवाल के पसंद ,नापसंद का ख्याल तो रखना ही पड़ेगा क्योंकि अपने पसंद के सारे प्रत्याशियों को जीता कर लाने और शहर सरकार भाजपा की ही बनाने की महती जिम्मेदारी भी अमर अग्रवाल के ऊपर है । श्री अग्रवाल के चुनावी प्रबंधन पर किसी को शक नहीं होना चाहिए ।प्रत्याशी चयन में एक बात तो यह जरूर हुई है कि वर्षों से पार्टी की सेवा के लिए समर्पित अनेकों कार्यकर्ताओं को निराशा हुई है ।यह सही है कि सबको खुश नहीं किया जा सकता मगर पुराने और कई ऐसे खटरास नेता जो 15 ,20 साल से पार्षद है उन्हें फिर से प्रत्याशी बनाया गया है इसको लेकर उपेक्षित कार्यकर्ताओं का कहना है आखिर कब तक पुराने लोगों को हम झेलते रहेंगे ,हमारी उम्र भी निकली जा रही है मगर एक बार भी मौका नहीं मिलने से हताशा होती है । बहर हाल ये कार्यकर्ता पूरे मनोयोग और उत्साह के साथ चुनाव प्रचार में जुटेंगे कि नहीं यह यक्ष प्रश्न मतदान तिथि तक बना रहेगा ।।

