बिलासपुर। उरांव समाज, जिला-जशपुर (छत्तीसगढ़) का एक प्रतिनिधिमंड केंद्रीय आवासन एवं शहरी कार्य राज्य मंत्री श्री तोखन साहू से शिष्टाचार भेंट कर छत्तीसगढ़ राज्य की अनुसूचित जनजातियों की सूची में “संसारी उरांव, सन्सारी उरांव एवं सनसारी उरांव” को सम्मिलित करने का विनम्र अनुरोध किया।
प्रतिनिधिमंडल द्वारा मंत्री सौंपे गए निवेदन पत्र में बताया गया कि छत्तीसगढ़ के जशपुर, बलरामपुर, सरगुजा एवं रायगढ़ जिलों में उरांव समाज की सघन उपस्थिति है। इनमें से विशेषकर खुड़िया दीवान क्षेत्र में केवल मात्रात्मक एवं लेखन त्रुटियों के कारण “संसारी उरांव” नामक उपशाखा के व्यक्तियों को जाति प्रमाण पत्र जारी नहीं किया जा रहा, जिससे वे अनुसूचित जनजाति वर्ग के अंतर्गत प्रदत्त संवैधानिक अधिकारों और लाभों से वंचित हैं।
निवेदन में यह भी स्पष्ट किया गया कि इन उपशाखाओं की सांस्कृतिक, पारिवारिक परंपराएं, रीति-रिवाज, पर्व-त्योहार, नृत्य-संगीत एवं विवाह संबंधी प्रणाली मूल उरांव समाज से पूर्णतः मेल खाती है। फिर भी केवल नाम में भिन्नता के कारण उन्हें सरकारी मान्यता प्राप्त नहीं हो पा रही है।
प्रतिनिधियों ने बताया कि इस संबंध में जनजातीय अनुसंधान संस्थान (टी.आर.आई.) द्वारा अध्ययन एवं सर्वेक्षण किया जा चुका है तथा संबंधित प्रस्ताव गृह मंत्रालय के अधीन भारत के महानिबंधक एवं जनगणना आयुक्त (आर.जी.आई.) के पास विचाराधीन है। समाज ने आग्रह किया कि मंत्री महोदय इस प्रस्ताव को शीघ्र अनुमोदन हेतु भारत सरकार के समक्ष प्रस्तुत कराने में सहयोग करें, जिससे समाज को उसका न्यायोचित संवैधानिक अधिकार प्राप्त हो सके।
केंद्रीय मंत्री तोखन साहू ने समाज की भावनाओं को संवेदनशीलता एवं गंभीरता से सुना और आश्वासन दिया कि वे इस विषय को उच्च स्तर पर उठाएंगे तथा हरसंभव सहयोग प्रदान करेंगे।
प्रतिनिधिमंडल में नयूराम भगत, अध्यक्ष, कुवर राम भगत, कार्यकारी अध्यक्ष –श्मवृक्ष भगत, सचिव – जगन राम भगत, उपाध्यक्ष,आदि शामिल थे।

