11 करोड़ की ठगी में कौन है वह बिलासपुर का गोविंद बिचौलिया,बचाव के लिए बिलासपुर में गोपनीय बैठक की चर्चा

रायगढ़ के  सफेदपोश कारोबारियों ने बुना जाल, बाराद्वार पुलिस के लिए अपराधियों को सामने लाना प्रतिष्ठा का प्रश्न बना

बिलासपुर के गोविंद नाम के बिचौलिए का राज खुलना बाकी

बिलासपुर में गोपनीय बैठक होने की भी चर्चा

बिलासपुर। रायगढ़ में एक सनसनीखेज ठगी का मामला सामने आया है, जिसमें रायगढ़ के दो कथित बड़े कारोबारी, नानक बंसल और मुकेश बंसल, 11 करोड़ रुपये की धोखाधड़ी के आरोप में फंस गए हैं।  इसमें बड़ी बात यह है कि बिचौलिए के रूप में बिलासपुर के किसी गोविंद नाम के व्यक्ति का जिक्र प्रमुखता के साथ आ रहा है । कौन है ये गोविंद यह अभी यक्ष प्रश्न बना हुआ है।बाराद्वार पुलिस मामले में जब गिरफ्तारी करेगी तब इस तथाकथित गोविंद का चेहरा बेनकाब होगा लेकिन करोड़ों की ठगी में बिलासपुर न्यायधानी का नाम कलुषित करने वाले बिचौलिए गोविंद को लेकर शहर में भी चर्चा हो रही है। इसी बीच  खबर तो यह भी मिल रही है कि बिलासपुर में इस मामले को लेकर कुछ लोगों की गोपनीय बैठक हुई है । 

प्राप्त जानकारी के मुताबिक रायगढ़ के    गुरुश्री इंडस्ट्रीज और गुरुश्री मिनरल्स प्राइवेट लिमिटेड के निदेशक इन दोनों भाइयों मुकेश बंसल और  नानक बंसल पर बाराद्वार पुलिस ने ठगी की गंभीर धाराओं में केस दर्ज किया है। पुलिस का दावा है कि जल्द ही दोनों को हिरासत में लिया जाएगा, और जांच पूरी रफ्तार से चल रही है।पांच पीड़ितों राजीव लोचन शुक्ला (बलौदा बाजार), कमल नारायण साहू (गरीयाबंद), राजेंद्र कुमार अग्रवाल (भाटापारा), निमेश प्रताप सिंह (भाटापारा), और अभिषेक प्रेमेंद्र दास (भाटापारा) ने शिकायत की कि आरोपियों ने जैजैपुर तहसील के छितापडरिया गांव में 10.032 हेक्टेयर की कृषि भूमि को खनन के लिए उपयुक्त बताकर सौदा किया। दावा था कि इसमें 17.55 एकड़ उत्खनन योग्य और 7.25 एकड़ नहर के पास गैर-उत्खनन योग्य जमीन है। लेकिन हकीकत में केवल 12.50 एकड़ जमीन ही मौजूद थी, और बाकी पर दूसरे किसानों का कब्जा निकला। रास्ते के लिए बताई गई जमीन भी रघुवीर सिंह सिसोदिया और मधुसूदन सिसोदिया की निजी संपत्ति थी, जिन्होंने रास्ता देने से साफ मना कर दिया।

पीड़ितों ने  पुलिस को बताया कि 10 अप्रैल 2024 को बाराद्वार के आमागोलाई में एक क्रेशर ऑफिस में सौदा शुरू हुआ। वहां । करोड़ रुपये नगद बयाने के तौर पर दिए गए। इसके बाद मयंक अग्रवाल,आशीष (रायपुर), गोविंद (बिलासपुर), और कमल शर्मा जैसे बिचैलियों के जरिए 11 करोड़ रुपये नगद आरोपियों तक पहुंचाए गए। सौदा पक्का करने के पहुंचा लिए बार-बार पैसे की मांग होती रही, लेकिन रजिस्ट्री का वादा हवा-हवाई साबित हुआ। हैरानी वाली बात यह है कि पीड़ितों को शक है कि यह जमीन किसी और को भी बेची गई है!

आरोपियों की ‘करतूत’ शिकायतकर्ताओं का कहना है कि नानक और मुकेश बंसल आदतन ठग हैं, जो लोगों को झूठे वादों में उलझाकर मोटी रकम ऐंठते हैं और न तो पैसे लौटाते हैं न ही सौदे की शर्तें पूरी करते हैं। पीड़ितों ने पुलिस से कठोर कार्रवाई की गुहार लगाई है।

पुलिस आरोपियों की तलाश कर रही

बाराद्वार पुलिस ने भारतीय दंड संहिता  के तहत ठगी की धाराओं में केस दर्ज कर लिया है। पुलिस सूत्रों के मुताबिक, आरोपियों की तलाश में छापेमारी शुरू हो चुकी है। जांच में यह भी देखा जा रहा है कि क्या इस सौदे में और लोग शामिल हैं या अन्य ठगी के मामले सामने आ सकते हैं।

 बड़े कारोबारियों में मचा हड़कंप,बिचौलिए भी भाग रहे इधर उधर

यह मामला रायगढ़ में चर्चा का केंद्र बना हुआ है। लोग इस बात से हैरान हैं कि कैसे बड़े कारोबारी इतने बड़े पैमाने पर धोखाधड़ी कर सकते हैं। जनता में यह सवाल उठ रहा है कि क्या प्रशासन और पुलिस इस तरह की ठगी को रोकने के लिए और सख्त कदम उठाएगी। फिलहाल, सभी की नजर पुलिस की कार्रवाई पर है।

निर्मल माणिक/ प्रधान संपादक ,मोबाइल:- 9827167176

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