इधर राजधानी में सी एम  साय रिकॉर्ड वसूली के लिए अफसरों को बधाई दे टैक्स चोरी करने वालों के खिलाफ सख्त कार्रवाई का निर्देश दे रहे थे तो उधर करोड़ों  के जीएसटी घोटाले में भोपाल पुलिस  मरवाही के  शेख जफर को  गिरफ्तार कर अपने साथ ले गई

कोयले के  व्यापार में  विभिन्न  फर्जी बिल दर्शा कर घोटाला किए जाने का मामला 

बिलासपुर । छत्तीसगढ़ में जी एस टी चोरी करने वालों के खिलाफ मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय ने जहां कठोर कार्रवाई करने का आदेश देने के साथ ही रिकॉर्ड जी एस  टी वसूली के लिए अफसरों की टीम को जिस वक्त  शाबासी  दे रहे थे उसी दौरान   बहुचर्चित जीएसटी घोटाले में बुधवार को  भोपाल पुलिस की टीम बिलासपुर होते हुए  मरवाही पहुंची और वहां से  शेख जफर को गिरफ्तार करके अपने साथ ले गई । आरोपी  शेख जफर  को जीएसटी  घोटाले के प्रमुख  आरोपी विनोद सहाय का सहयोगी बताया जा रहा है।

करोड़ो के जीएसटी घोटाले में सप्ताह भर पूर्व  25 जून  को मुख्य आरोपी विनोद सहाय को  पुलिस ने झारखंड की राजधानी रांची से गिरफ्तार किया गया था।

पुलिस जांच में प्रारंभिक तौर पर यह स्पष्ट हुआ है  कि शेख जफर मूल रूप से मध्य प्रदेश के अनूपपुर का रहने वाला है और वह विनोद सहाय के साथ मिलकर फर्जी बिलों और शेल कंपनियों के जरिए करोड़ों रुपये का कोयला व्यापार दर्शाकर हेराफेरी करता रहा है।

जीएसटी  घोटाला के  इन आरोपियों ने फर्जी कंपनी बनाकर देश को लगभग 512 करोड़ रुपये का चुना लगाया था। मरवाही से गिरफ्तार किए गए आरोपी शेख जफर के नाम से भी दो कंपनियां होने का पता चला  है। जफर के नाम पर अम्बर कोल डिपो और अनम ट्रेडर्स जबलपुर के रानीताल पते पर पंजीकृत हैं. इन कंपनियों के जरिए अभिजीत ट्रेडर्स, मां रेवा ट्रेडर्स, नमामि ट्रेडर्स के साथ व्यापार दर्शाया गया. वहीं, विनोद सहाय की फर्म जेएमकेडी  कोल के जरिए भटिया कोल (बिलासपुर), खालसा कोल (बिलासपुर), आर्यन वॉशरी, जैन वॉशरी (अनूपपुर), हरिजिका कोल (रायगढ़) और अन्य फर्मों के साथ भी फर्जी व्यापार दिखाया गया है.वहीं विनोद सहाय की कंपनियां प्रकाश इंडस्ट्रीज लिमिटेड, चांपा नेशनल फर्म (प्रोप्राइटर अक्कू जेठानी)एमएसपी पावर प्लांट, रायगढ़बीएस सिंघल पावर प्लांट, रायगढ़ से भी फर्जी बिल तैयार किए जाते थे ।

कोयला सप्लाई के नाम कागजी बिल और फर्जी कारोबार

इन संस्थानों को आरोपी  शेख जफर के माध्यम से फर्जी बिल उपलब्ध कराए गए थे और कोयला आपूर्ति के नाम पर कागज़ी कारोबार किया गया. इस पूरे खेल में राजा सरावगी (बुडार), अशोक चतुर्वेदी (बुडार), और राजेश कोटवानी (बिलासपुर) के नामों का भी खुलासा हुआ है, जिनसे कोयला क्रय दिखाकर बिल तैयार किए जाते थे। राजेश कोटवानी अभी आत्महत्या के मामले में प्रताड़ना के आरोप में जेल में बंद है।

मरवाही से बुधवार को गिरफ्तार किए गए शेख जफर को पुलिस रिमांड पर लेकर पूछताछ करने की बात कही जा रही है. जिससे इस जीएसटी घोटाले के और भी बड़े खुलासे की उम्मीद है. इस गिरफ्तारी को लेकर प्रवर्तन निदेशालय  व अन्य जांच एजेंसियों की भी नजरें अब इस नेटवर्क पर हैं। इस मामले को छत्तीसगढ़, मध्यप्रदेश, झारखंड, महाराष्ट्र के उद्योग समूहों तक फैले एक संगठित जीएसटी फर्जीवाड़ा गैंग का हिस्सा माना जा रहा है। देखना यह है कि सैकड़ों करोड़ के जी एस टी घोटाले में बिलासपुर ,रायपुर समेत छत्तीसगढ़ के और कितने सफेदपोश पकड़ में आते है । छत्तीसगढ़ से जो भी लोग इस घोटाले की जद में आ रहे है उनके साथ और किन किन लोगों का व्यापारिक संबंध रहा है उनसे भी आगे चलकर पूछताछ हो सकती है ताकि घोटाले का पूरा सच सामने आ सके ।

निर्मल माणिक/ प्रधान संपादक ,मोबाइल:- 9827167176

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