उधर बिलासपुर निगम का जोन कमिश्नर बनवा देने का झांसा दे 25 लाख रुपए की ठगी करने वाला शिवरीनारायण में गिरफ्तार
: बिलासपुर । नगर निगम बिलासपुर और उसके अधिकारी कर्मचारियों की इन दिनों काफी चर्चा है । एक ही जगह वर्षों से पदस्थ रहते हुए खूब कमाई करने वाले अधिकारी का पावर तो देखें उनकी सेवा से बिदाई की तिथि नजदीक आई तो उन्हें डांटने डपटने वाले ,काली कमाई से बेहिसाब संपति अर्जित करने का आरोप लगाने वाले जनप्रतिनिधि सरेंडर हो गए और सेवानिवृति के पहले ही अधिकारी को संविदा पर रखने की वकालत कर दिए। यानि बिलासपुर नगर निगम में मलाई खाने के इतने स्कोप है कि यहां जोन कमिश्नर बनवा देने का लालच देकर 25 लाख रुपए वसूल लेने की हिम्मत दिखने वाले एक आरोपी को शिवरीनारायण पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया है।
जानकारी के मुताबिक सरकारी नौकरी दिलाने के नाम पर लोगों से लाखों की ठगी कर फरार चल रहे एक शातिर आरोपी को आखिरकार शिवरीनारायण पुलिस ने धर दबोचा। आरोपी मंसाराम आशिकर ने बिलासपुर नगर निगम में जोन कमिश्नर के पद पर नियुक्ति कराने का झांसा देकर पीड़ितों से 25 लाख 25 हजार 399 रुपए ऐंठ लिए थे।
पीड़ित अच्छे कुमार आशिकर व अन्य ने जब ठगी का शिकार होने की शिकायत की, तो पुलिस ने जांच के बाद 4 जनवरी 2025 को आरोपी के खिलाफ IPC की धारा 420, 467, 468, 201, 34 के तहत मामला दर्ज किया। मामले को गंभीरता से लेते हुए पुलिस ने लगातार प्रयास कर आरोपी को गिरफ्तार कर लिया।
पकड़े जाने पर आरोपी से पूछताछ की गई, जिसमें उसके खिलाफ पर्याप्त सबूत मिले। इसके बाद उसे न्यायिक रिमांड पर भेजा गया। पुलिस के अनुसार इस मामले में पहले भी दो अन्य आरोपियों की गिरफ्तारी हो चुकी है।
बात नगर निगम के प्रभारी भवन शाखा अधिकारी की हो रही थी । निगम के जनप्रतिनिधि उनको सेवानिवृति के पहले ही एक्सटेंशन देने दरियादिली दिखाते हुए मेयर इन कौंसिल की मंजूरी से भी दिला दिए! इससे सत्तापक्ष के पार्षदों में ही बवाल मच गए।अपनी साफगोई के लिए जाने जाने वाले निगम सभापति विनोद सोनी को यह नागवार गुजरा उन्होंने इस प्रस्ताव का विरोध भी किया । कायदे से निगम के आला अफसरों और मेयर को यह चाहिए था कि पहले प्रभारी भवन शाखा के खिलाफ लग रहे आरोपों की निष्पक्ष जांच करवाते उसके बाद एक्सटेंशन के लिए सोचते मगर पता नहीं अधिकारियों और नेताओं को इस अधिकारी ने क्या मोहिनी डाल रखा है कि इस प्रभारी को सेवानिवृति के पहले ही एक्सटेंशन देने पलक पांवड़े बिछा कर रखे हुए है। सभापति के खुला विरोध के बाद नेता प्रतिपक्ष और उपनेता भी खुलकर विरोध मे आ गए है और कलेक्टर को ज्ञापन सौंप आंदोलन करने की बात कह दी है !
निगम के नेता प्रतिपक्ष भरत कश्यप और उप नेता रामा बधेल ने कलेक्टर को सौपे गए ज्ञापन में कहा है कि गत 10 जून को नगर निगम के मेयर इन काउंसिल की बैठक में नगर निगम के इंजीनियर सुरेश शर्मा का कार्यकाल बढ़ाने का प्रस्ताव मंजूर किया गया है। आश्चर्य की बात तो यह है कि भवन शाखा के प्रभारी इंजीनियर सुरेश शर्मा को मेयर पूजा विधानी ने हाल ही में जवाली नाला में अवैध निर्माण के तोड़फोड़ के मामले में जमकर फटकार लगाई थी और उनके खिलाफ कार्रवाई की अनुशंसा की थी।निगम सभापति विनोद सोनी ने भी उक्त अधिकारी की संविदा नियुक्ति का विरोध कर लेनदेन का आरोप लगाया था। बड़ा प्रश्न यह है कि आखिर ऐसी क्या बात हो गई कि मेयर को एक पखवाड़े बाद उसी प्रभारी भवन शाखा अधिकारी के लिए प्रस्ताव लाना पड़ा। इससे सत्तारूढ़ दल की किरकिरी भी हो रही है।
। नेता प्रतिपक्ष और उपनेता ने कहा कि निगम के इंजीनियर और भवन शाखा के प्रभारी सुरेश शर्मा के खिलाफ अनेक शिकायतें मिली हैं। विभागीय जांच के अलावा आय से अधिक संपत्ति के मामले में ईओडब्ल्यू, एसीबी की कार्रवाई भी की गई थी। यह कार्रवाई अभी भी अधूरी है। उक्त अधिकारी के खिलाफ कई दिनों से आर्थिक अनियमितताएं तथा नगर निगम को आर्थिक नुकसान पहुंचाने के आरोप भी लगे हैं शिकायतें भी मिली हैं। ई ओ डब्लू तथा एसीबी के द्वारा नगर निगम आयुक्त को इस मामले में पत्र भी लिखा है है।नेता प्रतिपक्ष ने कहा कि लगातार शिकायतें मिलने के बावजूद आज तक उनके खिलाफ कोई कार्रवाई क्यो नही की गई जबकि उन पर खुद नियम विरुद्ध बीडीए से आबंटित आवासीय भूखण्ड पर व्यवसायिक काम्प्लेक्स बनवाने और अवैध निर्माण और अवैध प्लाटिंग को लगातार बढ़ावा देने के गम्भीर आरोप है। आरोप तो यह भी है कि युक्त अधिकारी अपरोक्ष रूप से निगम में ठेकेदारी भी करता है! इसलिए सत्तारूढ़ दल के तमाम नेता जो भ्रष्ट्राचार के खिलाफ लगातार बात करते है उनकी मंशा के अनुरूप भवन अधिकारी के ऊपर लगाए गए तमाम आरोपों की जांच होनी चाहिए ।

