सिक्ख विरोधी दंगे में 40 साल बाद कांग्रेस के पूर्व सांसद सज्जन कुमार को उम्रकैद की सजा

नई दिल्ली । सिक्ख विरोधी दंगा में पूर्व कांग्रेस सांसद सज्जन कुमार को दूसरे मामले में उम्र कैद की सजा हुई है।बाप बेटे की हत्या का मामला था। पीड़ित पक्ष ने मौत की सजा मांगी थी। दिल्ली कैंट की पालम कॉलोनी में 5 सिखों की हत्या के बाद गुरुद्वारा जला दिया गया था। इस केस में सज्जन कुमार को दोषी पाया गया। दिल्ली हाईकोर्ट ने 17 दिसंबर 2018 को उम्रकैद की सजा सुनाई।

सितंबर 2023 को राउज एवेन्यू कोर्ट ने दिल्ली के सुल्तानपुरी में 3 सिखों की हत्या मामले में बरी कर दिया। दंगे में ब्ठप की एक अहम गवाह चाम कौर ने आरोप लगाया था कि सज्जन भीड़ को भड़का रहे थे।1 नवंबर 1984 को सरस्वती विहार में सरदार जसवंत सिंह और उनके बेटे तरुणदीप सिंह की हत्या हुई थी। दंगाइयों ने लोहे की सरियों और लाठियों से हमला किया था। इसके बाद दोनों सिखों को जिंदा जला दिया। 12 फरवरी 2025 को दोषी ठहराए गए। 25 फरवरी को उन्हें उम्रकैद की सजा सुनाई गई।

दिल्ली में 1984 के सिख विरोधी दंगा केस में मंगलवार को कांग्रेस के पूर्व सांसद सज्जन कुमार को दिल्ली की कोर्ट ने सिख दंगा मामले में आरोपी सज्जन कुमार को उम्रकैद की सजा सुनाई है। दिल्ली के सरस्वती विहार में दो सिखों की हत्या हुई थी। राउज एवेन्यू कोर्ट ने ये फैसला दिया है। बता दें कि दिल्ली पुलिस ने इस मामले में रेयरेस्ट का रेयर केस की कैटेगरी में माना था और फांसी की मांग की थी।

यह मामला दंगों के दौरान दिल्ली के सरस्वती विहार में जसवंत सिंह और उनके बेटे तरुणदीप सिंह की हत्या से जुड़ा है। तब सज्जन बाहरी दिल्ली लोकसभा सीट से सांसद थे। पीड़ित पक्ष ने उन्हें मौत की सजा देने की मांग की थी।सज्जन कुमार को 12 फरवरी को दोषी ठहराया गया था। कोर्ट ने 21 फरवरी को सजा पर फैसला सुरक्षित रख लिया था। वे इस समय वे दंगों से जुड़े एक अन्य मामले में तिहाड़ जेल में बंद हैं और उम्रकैद की सजा काट रहे हैं। सज्जन कुमार पर 1 नवंबर 1984 को सरस्वती विहार इलाके में एक पिता-पुत्र की हत्या का आरोप था। राउज एवेन्यू कोर्ट ने इस मामले में कांग्रेस के पूर्व सांसद सज्जन कुमार को 12 फरवरी को ही दोषी ठहराया था। कोर्ट ने दंगा फैलाने, गैरकानूनी तौर पर भीड़ एकत्र करना और हत्या की धाराओं में दोषी ठहराया था।

इस बीच सिख समुदाय के कुछ सदस्यों ने मंगलवार को पूर्व कांग्रेस सांसद सज्जन कुमार के लिए मौत की सजा की मांग की। अदालत परिसर के बाहर विरोध प्रदर्शन का नेतृत्व कर रहे गुरलाद सिंह ने कहा, “अब चार दशक बीत चुके हैं, और न्यायपालिका का यह कथन है कि न्याय में देरी, न्याय से इनकार है। हम सज्जन कुमार के लिए केवल मृत्युदंड की अपील करते हैं।”

दिल्ली सरकार बरी आरोपियों के खिलाफ अपील करेगी

सिख दंगों की जांच के लिए गठित नानावटी आयोग की रिपोर्ट के मुताबिक सिर्फ दिल्ली में 587 मामले दर्ज हुए थे, जिनमें 2733 लोग मारे गए थे। कुल मामलों में से करीब 240 मामले बंद हो गए जबकि 250 मामलों में आरोपी बरी हो गए थे। दिल्ली सरकार ने 17 फरवरी, 2025 को सुप्रीम कोर्ट को बताया कि वह सिख दंगों के 6 मामलों में बरी आरोपियों के खिलाफ याचिका दायर करेगी।

निर्मल माणिक/ प्रधान संपादक ,मोबाइल:- 9827167176

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