बिलासपुर से लोकसभा चुनाव लड़ चुके सुदीप श्रीवास्तव ने कहा कि स्वयं प्रधानमंत्री मोदी ने इस बजट को भविष्य का बजट बताया है अर्थात वर्तमान के लिए इसमें कुछ नहीं है।
सिवाय इनकम टैक्स स्लैब tv बदलने के कोई वास्तविक बदलाव नहीं है जो आने वाले 1 या 2 साल में आपको फायदा दे
इस बदलाव को मिडिल क्लास के लिए संजीवनी बताने वाले लोग ना भूले कि मिडिल क्लास 40 करोड़ है वही टैक्स पेयर केवल 5 करोड़.
अर्थात यह बजट टैक्स पेयर के अलावा मिडिल क्लास को कोई लाभ नहीं देने वाला
यह टैक्स छूट भी लंबे समय से ओवर ड्यू थी, परंतु मोदी जी हर काम चुनाव में लाभ के लिए करते हैं
दिल्ली चुनाव में 5 को वोटिंग है इसलिए बड़ी संख्या में सरकारी कर्मचारी और व्यापारी के वोट पाने के लिए आज यह घोषणा की.
ग्रामीण और कृषि आधारित समाज के लिए यह बजट निराशा ही लाता है
कृषि और शिक्षा क्षेत्र का आवंटन उतना ही बढ़ा है जितना महंगाई दर बढ़ी है
किसानों को एमएसपी ना सही इस बात की उम्मीद तो जरूर थी की किसान सम्मन निधि ₹6000 सालाना से बढ़कर कम से कम ₹10000 होगी परंतु ऐसा नहीं हुआ
मनरेगा में आवंटन पिछले 2 साल की तरह ही ₹86000 करोड़ ही रखा है यह कम से कम 1 लाख करोड रुपए होना था
ग्रामीण विकास का हाल और बुरा है
पिछले साल 2.65 लाख Cr रु आवंटन में 1.90 लाख Cr ही खर्च हुए
इस वर्ष बकाया जोड़कर आवंटन नहीं किया और केवल 2.66 लाख Cr दिए।
खर्च होंगे भी या नहीं??
आधारभूत संरचना की बात करें तो भारतीय रेलवे बहुत ज्यादा दबाव में है उसकी आय और बजट सहायता सुरक्षा संरक्षा और क्षमता वृद्धि में खर्च होने के बजाय स्टेशनों के सौंदर्यकरण और अन्य दिखावटी चीजों पर अधिक खर्च हो रही है
इस वर्ष की बजट सहायता पिछले बार के 2.52 लाख करोड रु जितनी ही रखी है
रेलवे खर्चे में बड़ा हिस्सा अमृत भारत स्टेशन सौंदर्यकरण योजना में खर्च होगा जबकि सुरक्षा और क्षमता वृद्धि अधिक आवश्यक
पहले हर साल 25-30 नई ट्रेन चलती थी, इन 10 सालों में वंदे भारत के अलावा गिनी चुनी नई ट्रेन चली
ट्रेन का नया टाइम टेबल भी इंटरनेट से पैसे देने पर डाउनलोड हो रहा.

