
बिलासपुर । संस्कार भारती जिला इकाई बिलासपुर साइन माउली परिवार बिलासपुर एवं हनुमान महापाठ समिति बिलासपुर के संयुक्त तत्वावधान में 23 से 27 दिसबर दोपहर 12 से रात्रि 9:00 बजे तक हनुमान बालीसा अर्थ एवं प्रेरणा पर केंद्रित 45 चित्रों की भव्य प्रदर्शनी बिलासपर स्थित है राघवेंद्र राव सभा भवन में आयोजित है इस चित्रकला प्रदर्शनी में 45 चित्रों की सुखला है जिसके सूत्रधार व निर्माता नगर के वरिष्ठ चित्रकार दिलीप दिवाकर पात्रीकर एवं श्रीमती साधना गर्दै भोपाल है। इन दोनों ने आयोजित प्रेस कांग्रेस में आयोजन के संबंध में पूरी जानकारी दी उसके मुताबिक इस चित्रकला प्रदर्शनी का उद्देश्य चित्रों के मांध्यम से प्रेरक संदेश जनमानस विशेषकर युवाओं तक पहुंचाना है। गौरतलब है कि कला एवं साहित्य के लिए समर्पित अखिल भारतीय सस्था सरकारे भारती की बिलासपुर में ये पांचवीं बड़ी चित्रकला प्रदर्शनी है इसके पूर्व 2004 में मीरा बाई पर केंद्रित प्रदर्शनी जल रंग बिलासपुर के अलावा कई बड़े शहरी सरकार जित की गई. 2007 में समर 1857 पर जल चित्रों की एवं 2013 में स्वामी विवेकानंद पर केंद्रित चित्रों की प्रदर्शनी लगाई गई थी. साई माऊली परिवार दिलीप दिवाकर पात्रीकर द्वारा निर्मित साईं नाथ महाराज के जीवन चरित पर केंद्रित चित्रों की प्रदर्शनी नगर के साथ साथ देश के बड़े महानगरों में लगाई गई थी तत्पश्चात सभी चित्रों को साई घाम शिडी को भेंट कर दी गई जो आज भी वहां देखने की मिलती है, श्रीमती साधना गर्दै एक वरिष्ठ चित्रकार है जो संस्कार भारती से जुड़ी रही है, विभिन्न चित्रकला प्रदर्शनी में उनकी कला साधनों जीवंत स्वरूप में देखने को मिलती है, विभिन्न पत्र पत्रिकाओं में कला साधना को रेखांकित भी किया गया है वर्तमान में उनका निवास भोपाल है जहां अपनी कला साधना अनवरत जारी रखते हुए हनुमान चालीसा अर्थ एवं प्रेरणा में, कला साधना का परिचय उन्होंने दिया है, नगर के ही चित्रकारों ने आजादी की 75 वीं वर्षगांठ पे 75 स्वतंत्रता संग्राम सेनानियों के चित्र बनाए थे जिसकी 3 दिवसीय प्रदर्शनी महाराष्ट्र मंडल में आयोजित की गई थी।दूसरी प्रदर्शनी अहिल्या बाई होलकर पर केंद्रित थी, जिसकी दो दिवसीय प्रदर्शनी स्थानीय सरस्वती शिशु मंदिर में लगाई गई थी, इस प्रदर्शनी का आयोजन रायपुर के अलावा देश के कई बड़े शहरों जैसे नागपुर, इंदौर में लगाई गई थी, और अब हनुमान चालीसा पर केंद्रित 45 चित्रों की प्रदर्शनी आध्यात्मिक प्रदर्शनी आयोजित हो रही है।

इस आयोजन की तीसरी बड़ी संस्था हनुमान महापाठ समिति द्वारा नगर में आध्यात्मिक आयोजनों में विजय शंकर मेहता द्वारा हनुमान कथा एवं जीवन जीने की कला पर व्याख्यान का आयोजन बड़े स्वरूप में किया गया है। इस आयोजन की कल्पना या कहे इन चित्रों को कैनवास पर उतारने की कल्पना 2015 में हुई थी, जो आज मूर्त रूप में हम सबके समक्ष प्रस्तुत है. ये सिर्फ चित्रों की प्रदर्शनी मात्र नहीं है बल्कि प्रत्येक चित्र आज के संदर्भ में प्रासंगिक भी है, चित्रकार ने हनुमान चालीसा के प्रत्येक चौपाई के भाव को आज के संदर्भ में विभिन्न शिक्षाप्रद प्रसंगों को जोड़कर लोगो को जागरूक करने के साथ साथ समाज को नई दिशा देने सार्थक प्रयास किया गया है।

प्रत्येक चित्रों में मिलेंगे सदेश आयोजन के सूत्रधार एवं निर्माता श्री दिलीप दिवाकर पात्रीकर बिलासपुर एवं श्रीमती साधना गर्दै भोपाल ने बताया कि प्रत्येक चित्र में हनुमान चालीसा की चौपाई के साथ भावार्थ व आधुनिक संदर्भ में संदेशात्मक भाव देने का प्रयत्न किया गया है, उन्होंने उदाहरण देते हुए बताया कि एक चौपाई है “श्री गुरु चरण सरोज रज, निज मन मुकुर सुधारी इस दोहे में जीवन में गुरु का महत्व बतलाया गया हमने इसे आधुनिक संदर्भ में युवाओं में होने वाले मानसिक दबाव को कम करने के लिए एक हितैषी मित्र का जीवन में होना अति आवश्यक है भाव को प्रदर्शित किया है, इसी प्रकार ‘जय हनुमान ज्ञान गुण सागर” इस चौपाई में इसते निरंतर ज्ञान की लालसा होने का भाव प्रकट किया है, आपके कर्म ऐसे हो की सर्वत्र आपका यश फैले इसी प्रकार सभी चित्र संदेश देते हुए नजर आएंगे जो लिपिबद्ध करके प्रत्येक चित्र के सम्मुख प्रदर्शित किए जाएंगे।
इस पांच दिवसीय चित्रकला प्रदर्शनी का उद्घाटन 23 दिसंबर दिन मंगलवार को सायं 600 बजे किया जाएगा, आयोजन के मुख्य अतिथि होंगे उपमुख्यमंत्री अरुण साव ,अध्यक्षता करेंगे नगर विधायक अगर अग्रवाल । साथ ही वरिष्ठ अभ्यागत के रूप महंत श्री दिव्यकांत दास जी महाराज रतनपुर एवं बिलासपुर महापौर श्रीमती पूजा विधानी उपस्थित रहेंगी।
प्रदर्शनी में प्रतिदिन कला साधकों द्वारा संगीतमय सामूहिक हनुमान चालीसा का पाठ किया जाएगा, साथ ही सायं 7.30 को अतिथियों द्वारा आरती भी की जावेगी।
25 दिसंबर को हनुमान चालीसा पर केंद्रित चित्रकला प्रतियोगिता का आयोजन किया जाएगा
25 दिसंबर को प्रदर्शनी स्थल पर दोपहर 12 बजे से 2 बजे तक नगर के बाल चित्रकारों के लिए हनुमान चालीसा पर केंद्रित चित्रकला प्रतियोगिता का आयोजन किया गया है. जिसमें विजयी प्रतिभागियों को पुरस्कृत किया जाएगा।
26 दिसंबर को हनुमान चालीसा पर केंद्रित कविताओं की होगी आध्यात्मिक प्रस्तुति – होगी । 26 दिसंबर को ही सायं 5 से 7 काव्य संध्या का आयोजन किया गया है. जिसमे नगर के साहित्यकार अपनी काव्यात्मक प्रस्तुति से लोगों को आध्यात्मिक संदेश देने का प्रयास करेंगे।
27 को होगा समापन –
सुंदरकांड का पाठ 27 को सायं 500 बजे होगा, जिसमे आध्यात्मिक संत जन विशेष रूप से उपस्थित रहेंगे।


